आईआईएसएफ 2025 के लिए एनबीआरआई में कर्टेन रेज़र कार्यक्रम आयोजित

सीएसआईआर–राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (CSIR–NBRI), लखनऊ में आज इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2025 के लिए कर्टेन रेज़र कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के.एन. कौल ब्लॉक में संपन्न हुआ, जिसमें देशभर के प्रमुख वैज्ञानिक, शिक्षाविद एवं विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मुख्य अतिथि के रूप में श्री अंकित राय, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी, विज्ञान भारती (अवध प्रांत) और डॉ. रजनीश चतुर्वेदी, चीफ साइंटिस्ट, IITR उपस्थित रहे।
कर्टेन रेज़र का उद्देश्य आगामी IISF 2025 को लेकर जागरूकता और उत्साह बढ़ाना था। यह महोत्सव 6 से 9 दिसंबर 2025 तक चंडीगढ़ में आयोजित होगा। इसे भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विभिन्न विज्ञान मंत्रालयों, विभागों और विज्ञान भारती (VIBHA) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने उद्घाटन भाषण में भारत की समृद्ध वैज्ञानिक परंपरा, पारंपरिक शिक्षा प्रणाली और एनबीआरआई द्वारा राष्ट्रीय वैज्ञानिक शोध में किए जा रहे योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक विरासत पर गर्व करते हुए शोध और नवाचार में भागीदारी के लिए प्रेरित किया।इस वर्ष IISF की थीम विज्ञान के माध्यम से समाज की समृद्धि और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर केंद्रित है। फेस्टिवल का उद्देश्य वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को एक मंच पर लाकर सहयोग एवं ज्ञान-विनिमय को बढ़ावा देना है।कार्यक्रम में श्री अंकित राय ने IISF की स्थापना, विकास और विज्ञान भारती की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि विज्ञान भारती शुरुआत से ही इस फेस्टिवल का सह-आयोजक रहा है, जिसने देशभर में वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ाने में अहम योगदान दिया है।IITR के चीफ साइंटिस्ट डॉ. रजनीश चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को विज्ञान एवं अनुसंधान में उपलब्ध करियर अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को नवाचार-आधारित विकास और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।कार्यक्रम के दौरान IISF 2025 का आधिकारिक प्रचार वीडियो भी प्रदर्शित किया गया, जिसने फेस्टिवल की परिकल्पना और उपयोगिता की झलक प्रतिभागियों को दिखाई।एसआर ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस, लखनऊ के 100 से अधिक विद्यार्थियों ने एनबीआरआई की विभिन्न प्रयोगशालाओं और शोध सुविधाओं का भ्रमण किया। उन्होंने वनस्पति जैवप्रौद्योगिकी, पुष्पोत्पादन, वर्गिकी और संरक्षण संबंधी शोध पर वैज्ञानिकों से संवाद किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. के.के. रावत, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी द्वारा किया गया। अंत में डॉ. मनीष भोयर, प्रमुख वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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