Uttar Pradesh

CM योगी के फर्जी पत्र तथा हस्ताक्षर बनाकर कई कंपनियों से लाभ लेने के मामले में भुवनेश्वर से एक गिरफ्तार…

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी पत्र तथा हस्ताक्षर बनाकर कई कंपनियों से लाभ लेने के मामले में एक व्यक्ति को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की गिरफत में आया वह शख्स अपने को स्वतंत्र पत्रकार बता रहा है। इसने ना सिर्फ सीएम योगी आदित्यनाथ का फर्जी हस्ताक्षर बनाया बल्कि उनकी फर्जी मेल आइडी भी बनाकर कई लोगों को प्रभावित करने का प्रयास भी किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी लेटर और फर्जी दस्तखत के जरिये सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से लाभ लेने की कोशिश करने के प्रयास में एक व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने भुवनेश्वर से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आने वाला आरोपित मनोज कुमार सेठ अपने को एक स्वतंत्र पत्रकार बता रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम का दुरुपयोग करने के मामले में स्वतंत्र पत्रकार मनोज कुमार सेठ को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने रविवार तड़के ही पकड़ा है। सीएम योगी आदित्यनाथ की फर्जी ईमेल आईडी बनाने और उनके जाली हस्ताक्षर बनाने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने मनोज कुमार सेठ को गिरफ्तार किया है।

पुलिस से बचने के लिए वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। आरोपी मनोज कुमार के संभावित ठिकानों पर कई बार छापेमारी भी की गई, लेकिन वह हर बार फरार होने में कामयाब हो जाता था। फिलहाल, आरोपित को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई थी। स्पेशल सेल की टीम ने आरोपित फ्रीलांसर पत्रकार के उड़ीसा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार कर लिया है।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया है। वहां पर आरोपित ने स्थानीय अखबारों के लिए पीएसयू से उत्तर प्रदेश सरकार के लिए विज्ञापन मांगने वाले ईमेल भेजे थे। मनोज कुमार सेठ ने सीएम योगी आदित्यनाथ के फर्जी लेटरहेड पर भी उनके फर्जी साइन कर वहां की कई कंपनियों को ईमेल भेज कर बड़ी संख्या में विज्ञापन भी मांगे थे।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि ओडिशा के भुवनेश्वर के रहने वाले मनोज कुमार सेठ ने यूपी के मुख्यमंत्री की फर्जी मेल आईडी yogiadityanath.mp@gmail.com बनाई थी। पुलिस इस मामले की जांच में भी जुटी है कि आरोपित ने मुख्यमंत्री की फर्जी आईडी किस मससद से बनाई थी। 

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