सरकारी स्कूल बंद करने के खिलाफ AAP का लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों को बंद करने की कथित योजना के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने रविवार को राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में राज्य भर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं, शिक्षा प्रेमियों और अभिभावकों ने हिस्सा लिया।
AAP नेताओं ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के अधिकार और समाज के गरीब वर्गों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी गरीब तबके के लाखों बच्चों की पढ़ाई खतरे में पड़ सकती है, यदि ये स्कूल बंद हुए।
पार्टी ने अपने बयान में साफ कहा कि—
“एक भी सरकारी स्कूल को बंद नहीं होने देंगे। अगर सरकार ने निर्णय वापस नहीं लिया, तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।”
AAP की मांग है कि राज्य सरकार न केवल स्कूल बंद करने का निर्णय वापस ले, बल्कि सरकारी स्कूलों की सुधार योजना, अध्यापकों की नियुक्तियाँ, और बुनियादी सुविधाओं में सुधार पर ध्यान दे।
प्रदर्शन के दौरान राज्य संयोजक सबा अली और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि निजीकरण की ओर बढ़ते कदम शिक्षा के अधिकार कानून के खिलाफ हैं। पार्टी ने यह भी मांग की कि स्कूल बंद करने से प्रभावित होने वाले छात्रों और शिक्षकों को समुचित मुआवजा दिया जाए और उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
AAP ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार शिक्षा के बजट को लगातार कम कर रही है और सरकारी संस्थानों को बंद कर निजी स्कूलों को बढ़ावा देने की नीति अपना रही है, जिससे गरीब छात्रों को झटका लग रहा है।

प्रमुख माँगें:
- स्कूल बंद करने का निर्णय तुरंत रद्द हो
- शिक्षा के बजट में वृद्धि
- शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति
- बुनियादी ढांचे में सुधार
- प्रभावित छात्रों और स्टाफ के लिए विकल्प
प्रदर्शन शांति से संपन्न हुआ, लेकिन AAP ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज़ किया जाएगा।
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