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महाकुंभ में फिल्मी सितारों की भागीदारी, प्रयागराज पहुंचीं प्रीति जिंटा

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं के साथ ही फिल्मी जगत की कई मशहूर हस्तियां भी आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रही हैं। इसी कड़ी में सोमवार को बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा भी संगमनगरी पहुंचीं। उनके आगमन से कुंभ मेले में मौजूद श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया।

संगम में लगाई पवित्र डुबकी

महाकुंभ में पहुंचते ही प्रीति जिंटा ने संगम तट पर पूजा-अर्चना की और पवित्र गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने इस पावन अवसर को अपने जीवन का एक अद्भुत अनुभव बताया और कहा कि कुंभ मेले का आध्यात्मिक वातावरण मन को शांति प्रदान करता है।

सनातन परंपराओं में दिखी गहरी आस्था

अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने केवल संगम स्नान ही नहीं किया, बल्कि उन्होंने विधिवत पूजन भी किया। महाकुंभ में उन्होंने साधु-संतों से आशीर्वाद लिया और धर्म व संस्कृति से जुड़ी विभिन्न परंपराओं को नजदीक से देखा। उनके अनुसार, कुंभ मेला केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिकता और संस्कारों की जीवंत झलक प्रस्तुत करता है।

श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह

प्रीति जिंटा के कुंभ में आगमन की खबर सुनते ही उनके प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली और उनसे बातचीत करने की इच्छा जाहिर की। अभिनेत्री ने भी अपने प्रशंसकों से गर्मजोशी से मुलाकात की और इस आध्यात्मिक यात्रा को अपने लिए खास बताया।

महाकुंभ में सितारों की बढ़ रही भागीदारी

प्रयागराज महाकुंभ में हर साल फिल्मी हस्तियां, राजनेता और अन्य गणमान्य लोग हिस्सा लेते हैं। इस बार भी कई फिल्मी सितारे कुंभ के पवित्र वातावरण में शामिल हो रहे हैं। प्रीति जिंटा के अलावा अन्य कई सितारों के भी महाकुंभ में आने की संभावना जताई जा रही है।

आध्यात्मिक अनुभव को किया साझा

प्रीति जिंटा ने अपने आध्यात्मिक अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया और अपने प्रशंसकों को भी महाकुंभ आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा आयोजन है, जहां जीवन के असली मूल्यों को समझा जा सकता है और आत्मिक शांति प्राप्त की जा सकती है।

महाकुंभ में फिल्मी सितारों की भागीदारी से इसकी भव्यता और आकर्षण और भी बढ़ जाता है। कुंभ मेले की दिव्यता और सांस्कृतिक महत्व को देखकर ऐसा लगता है कि यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का उत्सव है, जो दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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