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जलवायु परिवर्तन, शीत लहर प्रबंधन एवं इसके कृषि, स्वास्थ्य एवं पशुओं पर पड़ने वाले प्रभावों के महत्वपूर्ण बिदुओं पर किया गया जागरूक

उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ष्ब्वसक ॅंअम डंदंहमउमदज – ैव्च्ेष् विषय पर 02 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 21-22 एवं 25-26 नवंबर 2024 के प्रथम बैच का शुभारंभ आज 21 नवंबर, 2024 को जल एवं भूमि प्रबंधन, संस्थान, उतरेटिया, तेलीबाग, लखनऊ में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 75 जनपदों के राजस्व विभाग, कृषि विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन तथा नगर विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी/विशेष सचिव, राजस्व विभाग, श्री राम केवल ने अपने सम्बोधन में कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी घटनाओं की तीव्रता तथा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। आपदाओं की रोकथाम तथा न्यूनतम जन-धन हानि के उद्देश्य से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन एवं जन-जागरूकता का विशेष महत्व होता है। प्राधिकरण द्वारा समय समय पर प्रदेश के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करने हेतु विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। प्रदेश में शीतलहर के कारण जनमानस पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को न्यूनतम किए जाने हेतु आवश्यक है कि सभी जनपदों की शीतलहर के प्रति जोखिम संवेदनशीलता का अध्यन करते हुए विभिन्न संवेदनशील तथ्यों यथा-अत्यधिक प्रभावित जनसंख्या, महिला, बच्चों एवं वृद्धजनों, शीतलहर की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील स्थलों की पहचान पूर्व से ही कर ली जाए। प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान वर्ष में आगामी शीतलहर के दुष्प्रभावों को न्यूनीकृत किए जाने के उद्देश्य से समस्त जनपदों में कम्बल वितरण एवं अलाव जलाने हेतु बजट धनराशि आवंटित/स्वीकृत की जा चुकी है। निर्धन एवं असहाय जनता को ठंड के प्रकोप से बचाने हेतु नगर निगम एवं नगर पंचायतों द्वारा रैन बसेरों का संचालन भी किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, लखनऊ से श्रीमती आकांक्षा पांडे ने आपदा प्रबंधन के बिन्दु पर व्याख्यान दिया। भारतीय मौसम विभाग, लखनऊ के निदेशक डॉ मनीष रनालकर ने शीत लहर की प्रारम्भिक पूर्वानुमान, चेतावनी के बारे में बताया। यूनिसेफ़, उ0प्र0 के प्रतिनिधि श्री नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने जलवायु परिवर्तन के कारण शीतलहर की बढ़ रही स्थिति तथा श्री बलबीर सिंह मान, स्टेट मिशन मैनेजर सूडा ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शीतलहर प्रबंधन पर विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही/गतिविधियों पर चर्चा किया।
प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में यू०पी० एस०डी०एम०ए० और श्री मनोज कुमार सिंह, यूनिसेफ़, उ0प्र0 के प्रतिनिधि द्वारा ग्रुप एक्सरसाइज़ के माध्यम से शीतलहर के न्यूनीकरण एवं पूर्व तैयारियों हेतु सभी विभागों के प्रतिभागियों के साथ चर्चा की गयी तथा शीतलहर के प्रबंधन हेतु विभागों को अपनी योजनाओं और एस०ओ०पी० को तैयार करने के महत्वपूर्ण बिदुओं की जानकारी बतायी गयी। वर्तमान समय मे शीतलहर का प्रभाव आम जन मानस के स्वास्थ्य के साथ ही कृषि एवं पशुओ पर भी पड़ रहा है। यू०पी०एस०डी०एम०ए० ने इस प्रशिक्षण के माध्यम से सभी विभागों द्वारा अपनी विभागीय शीतलहर प्रबंधन योजना तथा इसके क्रियान्वयन हेतु ैजंदकंतक व्चमतंजपदह च्तवबमकनतम ;ैव्च्द्ध  को तैयार करने तथा शीत लहर के न्यूनीकरण हेतु कार्य करने पर जोर दिया है। प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय श्री आशीष शर्मा, प्रोजेक्ट एक्सपर्ट, फ्लड वार्निंग द्वारा किया गया।

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