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उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा संस्कृत प्रतिभा खोज सम्मान समारोह 

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् लखनऊ द्वारा संस्थान परिसर में आज संस्कृत प्रतिभा खोज सम्मान समारोह का सायं 04ः00 बजे समापन किया गया। सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण के पश्चात् मुख्य अतिथियों का वाचिक स्वागत किया गया।
आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक श्री विनय श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत प्रतिभा खोज उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका आरम्भ वर्ष 2023 में किया गया। इसके अन्तर्गत प्रदेश में अध्ययन करने वाले सभी बोर्ड तथा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी प्रतिभाग करते हैं। जनपदों, मंडलों तथा राज्यस्तर पर कुल 11 प्रकार की प्रतियोगिताओं में छात्र एवं उनके अभिभावकगण, अध्यापक एवं संस्कृत प्रतिभा खोज में शामिल विद्यालयों के सदस्यों आदि सहित कुल 25 हजार की सहभागिता होती है। संस्कृत प्रतिभा खोज कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में छुपी प्रतिभा को पहचानना, उन्हें प्रोत्साहित करना एवं मंच प्रदान करना है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों में संस्कृत के प्रति रुचि उत्पन्न करने, ज्ञान में वृद्धि करने और संस्कृत को बढ़ावा देने में सफल सिद्ध हो रही है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा0 विधायक श्री ओ0पी0 श्रीवास्तव ने आये हुए अतिथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान संस्कृत प्रतिभा खोज योजना संस्कृत के क्षेत्र में एक अनूठी पहल है। इससे माध्यम से संस्कृत के छात्रों को ही नहीं अपितु प्रदेश के सभी बोर्ड के छात्र को प्रतिभाग करने का मौका मिला है।
संस्कृत प्रतिभा खोज सम्मान समारोह में राज्यस्तर पर कुल 11 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जिसमें संस्कृत गीत प्रतियोगिता (बाल वर्ग), प्रथम पुरस्कार अक्षिता गोयल, द्वितीय पुरस्कार दिव्या अचलसिया, तृतीय पुस्कार आन्तरा पचौरी एवं सान्त्वना पुरस्कार प्रज्ञा प्रकाश बोध, दिव्यांश शर्मा एवं अभिनव दीक्षित को दिया गया। संस्कृत वाचन प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार मित्रा राय, द्वितीय पुरस्कार आराध्या, तृतीय पुस्कार आयुषी शाक्या एवं सान्त्वना पुरस्कार संस्कृति जोशी, अनंत शर्मा एवं प्रणवेन्द्र चतुर्वेदी को दिया गया। संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार आदित्य तिवारी, द्वितीय पुरस्कार भव्या गुर्जर, तृतीय पुस्कार अनुराग कुमार गौड़ एवं सान्त्वना पुरस्कार देवांशु शर्मा, कार्तिकेय एवं नन्दिनी को दिया गया। लोकान्त्याक्षरी प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार सूरज कुमार दूबे, द्वितीय पुरस्कार सविता, तृतीय पुस्कार शिवानी एवं सान्त्वना पुरस्कार राजकमल तिवारी, सोमदेव एवं रोहित द्विवेदी को दिया गया। अष्टाध्यायी कण्ठस्थ पाठ प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार सर्वचा पाण्डेय, द्वितीय पुरस्कार मीनाक्षी, तृतीय पुस्कार शलिनी एवं सान्त्वना पुरस्कार सौम्या युवेष कुमार सिसोदिया, शनि मिश्रा एवं अंशिका को दिया गया। अमरकोष कण्ठस्थ पाठ प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार श्रेया शुक्ला, द्वितीय पुरस्कार शिवाकांत मिश्र, तृतीय पुस्कार ओम प्रकाष पाण्डेय एवं सान्त्वना पुरस्कार आदित्य पाण्डेय, कृष्णा द्विवेदी एवं आशुतोष द्विवेदी को दिया गया। लघुसिद्धान्त कौमुदी कण्ठस्थ पाठ प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार नवरत्न डूडी, द्वितीय पुरस्कार कृष्णा अवस्थी, तृतीय पुस्कार अनुराग शुक्ला एवं सान्त्वना पुरस्कार अमित पाण्डेय, सुमिततिवारी एवं राघव मिश्र को दिया गया। तर्कसंग्रह कण्ठस्थ पाठ प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार सौरभ मिश्रा, द्वितीय पुरस्कार आर्यन दूबे, तृतीय पुरस्कार अतुल कुमार एवं सान्त्वना पुरस्कार उत्कर्ष, अंकित चौबे एवं अनघामनोज कुमार को दिया गया। संस्कृत गीत प्रतियोगिता (युवा वर्ग), प्रथम पुरस्कार काशी, द्वितीय पुरस्कार दुर्गेष शुक्ला, तृतीय पुस्कार कृतिका गोस्वामी एवं सान्त्वना पुरस्कार आशीष कुमार चतुर्वेदी, प्राची द्विवेदी एवं अन्नू निषाद को दिया गया। संस्कृत भाषण प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार जया तिवारी, द्वितीय पुरस्कार कात्यायनी, तृतीय पुस्कार पीहू शर्मा एवं सान्त्वना पुरस्कार शिप्रा शर्मा, ऑचल पाल एवं ऑचल गुप्ता को दिया गया एवं श्रतुलेखन प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार देवांश मिश्र, द्वितीय पुरस्कार सत्यप्रकाष तिवारी, तृतीय पुस्कार आयुष नाथ ठाकुर एवं सान्त्वना पुरस्कार नन्दिनी, शोभन उपाध्याय एवं शगुन को दिया गया।
संस्कृत प्रतिभा खोज सम्मान समारोह के समापन के पश्चात सायं 05ः00 बजे से दो दिवसीय मंचन राम जन्म से प्रारंभ होकर रावण वध तक की संगीतमय नाट्य प्रस्तुति ‘‘श्रीराम चरितम‘‘ का मंचन भव्य रूप से 60 कलाकारों द्वारा संस्थान प्रेक्षागृह में किया गया। इस भव्य संगीतमय रामायण प्रस्तुति की लेखन व निर्देशन ’अमित दीक्षित ‘‘रामजी‘‘ द्वारा किया गया।
‘‘माटी की खुशबू है लोक संगीत में, है जड़ों में शास्त्रीयता बड़ी,
देखिये सुनिये तो ये नया है चलन, तबले नक्कारे का है अनोखा मिलन‘‘
इस प्रस्तुति में प्रथम दिवस राम जन्म से लेकर राम-सीता तक का प्रसंग होगा, द्वितीय दिवस कल दिनांक 28.10.2024 को राम वनवास से रावण वध तक की संगीतमय रामायण होगी।

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