Uttar Pradesh

देवरिया नरसंहार में एसडीएम-सीओ समेत 15 निलंबित, CM ने जमीन के विवाद में हुए खूनी संघर्ष के बाद उठाया कठोर कदम

देवरिया में जमीन के ल‍िए हुए नरसंहार के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने कठोर कार्रवाई करते हुए SDM व CO समेत 15 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सीएम योगी ने कहा कि देवरिया हत्याकांड से जुड़े किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।

देवरिया के फतेहपुर गांव में आठ बीघा जमीन के विवाद में छह लोगों की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कठोर कदम उठाया है। नौ साल से चल रहे इस विवाद में शिकायतों का निस्तारण न होने पर गुरुवार को उनके निर्देश पर रुद्रपुर तहसील के एसडीएम योगेश कुमार गौड़ व क्षेत्राधिकारी जिलाजीत समेत राजस्व व पुलिस के 15 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।देवरिया के फतेहपुर गांव में गत दो अक्टूबर को सपा से जिला पंचायत सदस्य रह चुके प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद उनके परिवार के लोगों और समर्थकों ने प्रतिशोध में गांव के ही सत्य प्रकाश दुबे व उनके परिवार के पांच सदस्यों की पीटकर व गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में 27 नामजद 50 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है और 20 लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है।

जांच में सामने आया कि सत्य प्रकाश दुबे ने प्रेमचंद के विरुद्ध सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने की कई शिकायतें आइजीआरएस पोर्टल पर की थीं, लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। हत्यारोपितों ने खलिहान, परती या ग्राम समाज की भूमि पर भी कब्जा किया था।मुख्यमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था।

इस क्रम में गुरुवार को रुद्रपुर तहसील के एसडीएम व सीओ के अलावा कुल 15 कर्मचारी निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है। इनमें आइजीआरएस के निस्तारण में लापरवाही के दोषी पाए गए पूर्व प्रभारी निरीक्षक रुद्रपुर सुनील कुमार (उपनिरीक्षक) के अलावा तीन आरक्षी भी शामिल हैं, जबकि तत्कालीन क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही आरंभ करने का निर्देश दिया गया है।

पूर्व में निलंबित हुए तहसीलदार अभय राज को अतिरिक्त आरोपपत्र भी जारी होगा। मुख्यमंत्री ने पूर्व में एसडीएम रहे राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला व संजीव कुमार उपाध्याय के अलावा सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम व राजस्व निरीक्षक रामानन्द पाल के विरुद्ध भी विभागीय कार्यवाही का निर्देश दिया।

जमीन विवाद के संबंध में एक पक्ष के स्वर्गीय सत्य प्रकाश दुबे की ओर से ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा के संबंध में आइजीआरएस में कई शिकायतें की थीं, जो आनलाइन पुलिस विभाग व राजस्व विभाग को भेजी गई थीं। जांच में सामने आया कि समय-समय पर की गई शिकायतों को दोनों विभाग के संबंधित अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।

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