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राजा राम की नगरी अयोध्‍या में द‍िव्‍य राम मंद‍िर में रामलला की प्राण प्रत‍िष्‍ठा के बाद पुण्यसलिला सरयू के तट पर 22 फरवरी से विराट लक्षचंडी महायज्ञ आयोजित है।

अयोध्या। पुण्यसलिला सरयू के तट पर 22 फरवरी से विराट लक्षचंडी महायज्ञ आयोजित है। इसकी विराटता शुक्रवार को सरयू के गोलाघाट पर भूमिपूजन के अवसर पर ही परिभाषित हुई। भूमिपूजन यज्ञ के आयोजक प्रखर महाराज के मार्गदर्शन में पूर्ण विधि-विधान से किया गया। पूजन में सांसद बृजभूषणशरण सिंह सहित बड़ी संख्या में संत-महंत शामिल हुए।

पूजन में शामिल होने वाले संतों में रंगमहल के महंत रामशरणदास, जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजयशरण, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेशदास, हनुमानबाग के महंत जगदीशदास, बावन मंदिर के महंत वैदेहीवल्लभशरण, जगद्गुरु डा. राघवाचार्य, हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत धर्मदास, महंत माधवदास, संकटमोचन सेना के अध्यक्ष महंत संजयदास, महंत बलरामदास, हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन के कृपापात्र मामादास, पुजारी हेमंतदास, बालमुकुंदशरण, रमेश मिश्र शिब्बू, राघवेंद्र मिश्र अप्पू आदि प्रमुख रहे।

यज्ञ के आयोजक महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से उपजे उल्लास स्वरूप सरयू के रेता में होने वाला यह यज्ञ अनेक मामलों में विशिष्ट होगा। 1500 विद्वान ब्राह्मण लक्षचंडी के एक लाख पाठ के साथ गणपति अथर्व शीर्ष एवं ऋग्वेद के श्रीराम सूक्त का भी एक-एक लाख पाठ करने के साथ यज्ञाहुति देंगे।

23 फरवरी से प्रख्यात कथाव्यास एवं रामनगरी में ही स्थित प्रतिष्ठित पीठ रामलला देवस्थानम के संस्थापक आचार्य जगद्गुरु डा. राघवाचार्य का रामकथा पर केंद्रित प्रवचन भी संयोजित है। उनका प्रवचन एक मार्च तक चलेगा। दो मार्च से एक अन्य शीर्ष कथाव्यास कृष्णचंद्र ठाकुर भागवतकथा पर आधारित सात दिवसीय प्रवचन की भावधारा प्रवाहित करेंगे।

17 दिवसीय यज्ञ के दौरान प्रतिदिन सुबह 10 बजे से मध्याह्न एक बजे तक संत सम्मेलन भी संयोजित है। संत सम्मेलन में देश के दिग्गज संतों को आमंत्रित किया जा रहा है। प्रखर महाराज लोक कल्याण के लिए शास्त्रीय विधि-विधान से विशाल यज्ञों के आयोजन के लिए प्रसिद्ध हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित स्थानीय महंत स्वामी सियाकिशोरीशरण एवं जगद्गुरु डा. राघवाचार्य के विशेष आग्रह पर आयोजित इस महनीय अनुष्ठान का उद्देश्य विरासत के अनुरूप रामनगरी को वैकुंठ की गरिमा से युक्त करना है।

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