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भारतीय पुरुष हाकी टीम ने टोक्यो में खेले गए, ओलिंपिक खेलों में ब्रांज मेडल जीतकर रचा इतिहास

भारत का राष्ट्रीय खेल वैसे तो हाकी को कहा जाता है, लेकिन असल में भारत का कोई राष्ट्रीय खेल है नहीं। हालांकि, यहां हम किसी सामान्य ज्ञान की बात नहीं कर रहे, लेकिन एक असामान्य सी बात के बारे में बताने जा रहे हैं। असामान्य बात ये इसलिए है, क्योंकि ओलिंपिक खेलों में भारत ने हाकी के खेल में जितने पदक जीते हैं, उतने पदक किसी भी देश ने नहीं जीते हैं। यहां तक कि गोल्ड मेडल जीतने का भी भारत का विश्व रिकार्ड है।

ओलिंपिक में हाकी के खेल में भारत के नाम 8 गोल्ड मेडल समेत कुल 12 पदक हैं। दूसरे नंबर पर जर्मनी की टीम है, जिसने 4 बार गोल्ड मेडलों के साथ 11 पदक अपने नाम किए हैं। हालांकि, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक हाकी में जीतने वाली भारतीय टीम को अपने ओलिंपिक पदकों की संख्या को 11 से 12 पहुंचाने में 40 साल से ज्यादा का समय लग गया। इसका श्रेय मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारत की पुरुष हाकी टीम को जीता है।

भारत ने हाकी के खेल में आखिरी पदक साल 1980 के ओलिंपिक खेलों में जीता था। इसके बाद भारतीय टीम कभी सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी, लेकिन 2021 में खेले गए टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने दिखा दिया कि वे इस खेल के धुरंधर हैं। हालांकि, टोक्यो ओलिंपिक में भारत को गोल्ड या सिल्वर मेडल तो नहीं मिला, लेकिन अच्छे प्रदर्शन के दम पर भारतीय हाकी टीम ने कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया।

टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने कुल 5 लीग मैच खेले। इनमें से भारत ने 4 मैचों में जीत हासिल की और क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। भारत ने अपने क्वार्टर फाइनल मैच में ग्रेट ब्रिटेने को 3-1 से हरा दिया और सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। सेमीफाइनल में भी भारत 2-0 से आगे थे, लेकिन बेल्जियम ने एक के बाद एक 5 गोल दागे और टीम से फाइनल खेलने का सपना छीन लिया। ऐसे में भारत को ब्रांज मेडल मैच में जर्मनी से भिड़ना पड़ा, जहां टीम को 5-4 से जीत मिली और टीम पदक जीतने में सफल हो पाई।

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