नवाचार की संस्कृति वाले संस्थान भारत में कारोबारी लोचशीलता और आर्थिक बहाली को दे रहे हैं बढ़ावा: माइक्रोसॉफ्ट-आईडीसी स्टडी
नई दिल्ली, 24 नवंबर, 2020।
दुनिया और भारत के संस्थागन महामारी के बाद सामने आईं हलचलों का सामना कर रहे हैं। भारत के 77% व्यिवसायों का मानना है कि बाजार की चुनौतियों और अवसरों का त्वरित जवाब देने और कारोबारी लोचशीलता सुनिश्चित करने के लिये अबनवाचार जरूरी है। ऐसामाइक्रोसॉफ्ट और आईडीसी की एक हालिया रिपोर्ट का कहना है। ‘नवाचार की संस्कृवति: एशिया पेसिफिक में कारोबारी लोचशीलता और आर्थिक बहाली की बुनियाद के अध्ययन पर आज जारी भारत से संबंधित परिणाम बताते हैं कि अधिकांश बिजनेस डिसीजनमेकर्स मानते हैं कि संकट के प्रति लचीला रहने के लिये नवाचार एक ज़रूरत है।
यह परिणाम माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राजीव सोढी और आईडीसी में इंडिया और साउथ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वसंत राव ने Paisabazaar.com के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मुकेश शर्मा औरPaisabazaar.com के डायरेक्टर एवं हेड – अनसिक्योर्ड लोन्स गौरव अग्रवाल की उपस्थिति में जारी किये।
इस अध्ययन ने पाया कि छह महीने के बेहद कम समय में भारत के संस्था नोंने अपनी नवाचार की संस्कृति को परिपक्व बनाकर अपनी नवाचार की योग्यता 4% बढ़ाई है। इस अध्ययन ने यह भी दर्शाया कि भारत के लगभग 78%संस्थावन नई वास्तविकता के अनुकूल बनने के लिये कई तरीकों से डिजिटलीकरण को तेजी दे रहे हैं। इसमें डिजिटल उत्पादों को लॉन्च करने और डिजिटल पेमेंट्स प्रस्तुत करने से लेकर ईकॉमर्स और ऑटोमेशन को अपनाना तक शामिल है। परिणामस्वरूप, भारत की कंपनियाँ अगले तीन वर्षों में डिजिटल उत्पादों और सेवाओं से अपना राजस्व 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती हैं, जो अभी 36% है। सर्वे के अनुसार, जवाब देने वाले 64% लोगों ने माना कि कोविड-19 के बाद नई खोजें आसान हुई है। महामारी से पहले, केवल 32.5% भारतीय व्यवसायों ने अपने उत्पादों और सेवाओं में नवाचार को सरल माना था।
इस अध्ययन ने नवाचार की रूपरेखा की संस्कृति प्रस्तुत की, जिसमें लोगों, प्रक्रिया, डाटा और टेक्नोलॉजी के आयाम हैं, ताकि नवाचार के लिये ऑर्गेनाइजेशंस के रुख का मूल्यांकन किया जा सके। इसके अंतर्गत छह माह की अवधि में भारत के 439 बिजनेस डिसीजनमेकर्स और 438कर्मचारी का सर्वे किया गया, कोविड-19 के पहले और बाद से। भारत का अध्ययन एक व्यापक सर्वे का हिस्सा था, जिसमें एशिया पैसिफिक क्षेत्र के 15 बाजारों के 3312 बिजनेस डिसिजनमेकर्स और 3495कर्मचारी शामिल थे। शोध के माध्यम से संस्था नों की परिपक्वता मापी गई और परिणाम में उन्हें चार अवस्थाओं में समूह बनाकर बांटा गया- परंपरावादी (अवस्था 1), शुरूआती (अवस्था 2), अनुकूलक (अवस्था 3) और अग्रणी (अवस्था 4)। अग्रणी वे संस्था न हैं, जो नवाचार की संस्कृति निर्मित करने में सबसे ज्यादा परिपक्व हैं ।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के सीओओ राजीव सोढी ने कहा, ‘‘नवाचार अब एक विकल्प नहीं रहा, बल्कि ज़रूरत बन गया है। हमने देखा है कि हालिया संकट ने कैसे बदलाव की जरूरत को बढ़ाया है; खासकरसंस्था नोंको मजबूत बनकर उभरने के लिये अनुकूलता और नवाचार अपनाने में यह सबसे ज्यादा देखा गया है। हमने यह शोध नवाचार की संस्कृति और ऑर्गेनाइजेशन की वृद्धि के बीच सम्बंध को बेहतर समझने के लिये शुरू किया था। लेकिन अब वृद्धि हासिलकरनेसे ज़् यादा, नवाचार की परिपक्व संस्कृति लचीलापन और मज़बूती देती है, ताकि आर्थिक संकट में बहाली देखी जा सके।’’
आईडीसी में इंडिया और साउथ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वसंत राव ने कहा, ‘‘हम लीडर्स में वृद्धि और विकास की स्थायी भूख देखते हैं। कोविड-19 के दौरान भारत की 31% कंपनियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनका बिजनेस मॉडल 5 साल में प्रतिस्पर्द्धिता खो देगा। बदलाव के लिये दृढ़ता और अनुकूलता के माध्यम से लगातार सुधार की यह इच्छा और जरूरत न्यू नॉर्मल में व्यवसायों की सफलता निर्धारित करेगी।’’
टेक्नोलॉजी और स्किलिंग पर फोकस अगले 12 महीनों के लिये उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर भारत के संस्थाऔनों (45%) ने संकेत दिया कि वे टेक्नोलॉजी पर केन्द्रित होंगे, क्योंकि यह कारोबारी लोचशीलता और बहाली के लिये सबसे जरूरी है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों में ऐसी संस्कृति विकसित करना शामिल हो सकता है, जो उत्कृष्ट टेक्नोलॉजीस में निवेश को बढ़ावा दे और उत्पादों तथा सेवाओं को बेहतर और अलग बनाने के लिये डाटा का उपयोग करे।
फोकस का दूसरा एरिया हैं लोग। आने वाले साल में भारत के 18.5% व्यवसायों की योजना मौजूदा शिक्षण और सही प्रतिभा तथा कुशलताओं के माध्यम से जोखिमों को अपनाने और नवाचार करने की है। टेक्नोलॉजिकल बदलाव से सहयोग प्राप्त करने के अलावा कंपनियों को अपने कर्मचारियों के नये और खोजपरक विचारों को प्रोत्साहन भी देना होगा और विविधतापूर्ण कार्यबल अपनाना होगा।
श्री सोढी ने कहा,‘‘भारत के संस्थायन समझते हैं कि उन्हें नवाचार की संस्कृति के सभी आयामों में सुधार करना होगा, खासकर टेक्नोलॉजी में। यह देखना उत्साहवर्द्धक है कि बिजनेसलीडर्सयह मानते हैं और टेक्नोलॉजी पर फोकस करने की योजना रखते हैं, ताकि स्थायी नवाचार हो सके और डिजिटल बदलाव की उनकी आकांक्षा पूरी हो सके। डिजिटल रूपांतरण में सफलता के लिये टूल्स और टेक्नोलॉजीस को अपनाने के साथ अपने लोगों की क्षमता बढ़ाना भी जरूरी है- हम इसे‘टेक इंटेंसिटी’ कहते हैं- यह नवाचार की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम एक समावेशी भविष्य का लक्ष्य रखते हैं, जिसमें भारत के सभी संस्थापन जोश से भरे और लोचशील हों- ताकि संकट के बावजूद अच्छी रिकवरी और वृद्धि कर सकें। माइक्रोसॉफ्ट में हम भारत के संस्था नों के साथ मिलकर इस लक्ष्य को साकार करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।’’
लोन्स और क्रेडिट कार्ड्स के लिये विस्तृत डिजिटल सॉल्यूशंस को सक्षम बनाने के लिये माइक्रोसॉफ्ट एज्योंर और एज्यो रएआई को तैनात करने वाला एक नया टेक्नोलॉजी फीचर दिखाते हुए Paisabazaar.comके चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मुकेश शर्मा ने कहा, ‘‘डिजिटल प्रक्रियाओं और अवसंरचना के अभाव के कारण अधिकांश बड़े लेंडर्स और फिनटेक्स तैयार नहीं थे। हम सभी को नई वास्तविकता समझनी थी और उसके अनुकूल होना था। हर कोई प्रभावित था और हमारा फोकस यह सुनिश्चित करने पर था कि उपभोक्ताओं को उनके जरूरी लोन्स तक पहुँच मिले, पूरी तरह कागजरहित प्रक्रियाओं के माध्यम से, जिसमें उनकी उपस्थिति भी जरूरी न हो। हमने अपने डिजिटल स्टैक के साथ एआई और कॉग्निटिव सर्विसेज की क्षमता को जाना और शुरू से अंत तक डिजिटल लोन डिसबर्सल को एक वास्तविकता बना दिया। अधिकांश बड़े बैंकों और आधुनिक लेंडर्स के साथ भागीदारियों और शुरुआत से ही नवाचार की संस्कृति वाले एक मार्केट लीडर के तौर पर हम समूचे इकोसिस्टम के अत्यावश्यक डिजिटलीकरण की ओर इस महत्वपूर्ण कदम को गति देने के लिये अच्छी स्थिति में हैं।’’
ऋण उत्पादों के लिये भारत के सबसे बड़े डिजिटल मार्केटप्लेस Paisabazaar.com ने अपनी पेशकशों से टेक्नोलॉजी में नवाचार को गति प्रदान की है। पैसाबाजार स्टैक लोन डिसबर्सल और क्रेडिट कार्ड इश्यूएंस को पूरी तरह डिजिटल बनाने के लिये माइक्रोसॉफ्ट एज्योरर की एआई क्षमताओं का उपयोग करता है। डिजिटाइजेशन स्टैक के अंतर्गत इस फिनटेक ने केवायसी सत्यापन, आय और रोजगार के वैधतांकन, पुनर्भुगतान प्रणाली और लोन अनुबंध पर सहमति के लिये पूरी तरह डिजिटल समाधान निर्मित किये हैं। इसके साथ ही, ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग उपस्थिति-रहित और संपर्करहित प्रक्रिया के माध्यम से अपने घर बैठे क्रेडिट उत्पादों तक पहुँच सकता है और ऋण देने की प्रक्रिया का भौतिक चरण अब डिजिटल बन गया है। डिजिटल स्टैक ने अनसिक्योर्ड लोन देने की प्रक्रिया 3-5 घंटे की बना दी है, जिसमें पहले तीन से सात दिन लगते थे।‘चांस ऑफ अप्रूवल’ फीचर से पैसाबाजार एक प्रीडिक्टिव एल्गोरिदम मॉडल का उपयोग कर ग्राहकों को व्यक्तिपरक ऋण समाधान प्रदान करता है। Paisabazaar.com भागीदार बैंकों और एनबीएफसी से ‘प्री-क्वालिफाइड ऑफर्स’ भी देता है।
माइक्रोसॉफ्ट रिटेल, आईटी/आईटीईएस, हेल्थकेयर, आदि सेक्टरों में भारतीय उद्यमों के बीच नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये अपने प्लेटफॉर्म्स और सेवाओं का उपयोग कर रहा है। इससे संस्थांनों को कोविड-19 के युग में अनुकूलता, नवाचार और अपने बिजनेस की फिर से कल्पना करने में मदद मिल रही है।
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