तेजस के सौदे पर आज लगेगी अंतिम मुहर, मार्च 2024 से शुरू होगी इस लड़ाकू विमान की आपूर्ति
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भारत सरकार स्वेदशी लड़ाकू विमान तेजस की खरीद पर अंतिम मुहर लगा दी है। ये सौदा 48 हजार करोड़ का है। सौदे के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारतीय वायु सेना को 83 लड़ाकू विमान मुहैया कराएगी। बेंगलुरू में होने वाले एयरो इंडिया शो के दौरान इस बड़े कांट्रेक्ट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय वायु सेना के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड से 3 फरवरी को हस्ताक्षर किए जाएंगे। आपको बता दें कि तेजस स्वेदेशी तकनीक से विकसित एक सिंगल इंजन का मल्टी रोल सुपरसॉनिक फाइटर जेट है। ये किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। इसके भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की हवाई ताकत और अधिक बढ़ जाएगी। चौथी पीढ़ी का ये फाइटर जेट कई मायनों में बेहद खास है।
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने 13 जनवरी को 73 तेजस एमके -1ए और 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेनर एयरक्राफ्ट के सौदे को इस सौदे को मंजूरी दी थी। इसके आने के बाद भारतीय वायु सेना की ताकत में इजाफा हो जाएगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि तेजस को लेकर कई दूसरे देशों ने भी इसकी खरीद को लेकर भारत से अपनी इच्छा जाहिर की थी। तेजस एमके-1ए इलेक्ट्रानिकली स्केन ऐरे राडार, बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सूट और हवा में ईंधन लेने की क्षमता से लैस होगा।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आर माधवन ने पिछले माह बताया था कि मार्च 2024 से भारतीय वायुसेना को तेजल लड़ाकू विमान की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। उनके मुताबिक इस विमान की बेसिक कीमत 25 करोड़ है जबकि 11 करोड़ रुपये इसके ग्राउंड सिस्टम सपोर्ट और दूसरी जरूरी चीजों के लिए हैं। इसके अलावा 7 हजार रुपये बेसिक कस्टम ड्यूटी और जीएसटी मिलाकर है।
उनका ये भी कहना है कि तेजस के हर वर्जन की कीमत करीब 309 करोड़ रुपये होगी जबकि ट्रेनर विमान की कीमत 280 करोड़ रुपये होगी। 48 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे में इसकी डिजाइन और डेवलेपमेंट के लिए करीब 2500 करोड़ रुपये एयरनोटिक्स डेवलेपमेंट एजेंसी को दिए जाएंगे और 2250 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा के विनियम पर खर्च होंगे।
एक नजर इसकी खासियतों पर
ये विमान 1350 किमी रफ्तार से उड़ान भर सकता है। साथ ही ये दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक है।
ये विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है। टेस्टिंग के दौरान इसने करीब 3 हजार बार उड़ान भरी है।
ये विमान भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के जेएफ-17 विमान से कहीं ज्यादा बेहतद है।
इस विमान में लगा मैटेरियल काफी हल्का है जो इसको और अधिक बेहतर बनाता है।
ये एक मल्टी रोल विमान है। इसके अलावा ये बेहद छोटे रनवे से भी उड़ान भर सकता है। इसके लिए महज 460 मीटर का रनवे भी काफी होता है।
इस विमान के विंग्स 8.20 मीटर चौड़े हैं, जबकि इसकी लंबाई करीब 13.20 मीटर है। इसका वजन वजन 6560 किलोग्राम है।
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