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देश में ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले हुए 250, जानिए किस राज्य में कितने केस ,रहना होगा सजग

देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के अब तक कुल 250 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक देश के 15 राज्‍यों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। इसके सबसे अधिक मामले दिल्‍ली में सामने आए हैं। इसके बाद महाराष्‍ट्र का नंबर है। हरियाणा में भी इस वैरिएंट का मामला अब सामने आ चुका है। इस वैरिएंट से उपजे हालातों का जायजा लेने के लिए आज पीएम मोदी एक समीक्षा बैठक भी करने वाले हैं। बीते 24 घंटों के दौरान की यदि बात करें तो केरल में नौ, राजस्थान में चार, आंध्र प्रदेश और बंगाल में दो-दो और हरियाणा में एक मामला सामने आया है। हरियाणा में ओमिक्रान का पहला केस है। अभी तक जितने भी संक्रमित मिले हैं उनमें हल्के लक्षण हैं और कई लोगों में तो कोई लक्षण भी नजर नहीं आ रहे। अब तक नए वैरिएंट से देश में किसी की मौत नहीं हुई है।

आइआइटी कानपुर के पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि इस खतरे को आने रोका नहीं जा सकता है, लेकिन एहतियात बरतकर इससे बचा जरूर जा सकता है। इसकी तैयारी भी हमें खुद ही करनी होगी। उनका ये भी कहना है कि अब तक सामने आए डाटा के आधार पर ये कहा जा सकता है कि जिन लोगों की इम्युनिटी पावर मजबूत रही है उन पर इस वैरिएंट का असर कम देखने को मिला है। वहीं कम इम्‍युनिटी वाले लोग इसके प्रभाव में ज्‍यादा आए हैं। उनके मुताबिक इससे बचाव का यही तरीका है कि लोग भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और मास्क लगा कर रखें। इसके अलावा जिन्‍होंने अब तक वैक्‍सीन की खुराक नहीं ली है वो जल्‍द से जल्‍द वैक्‍सीन ले लें।

प्रोफेसर अग्रवाल का ये भी कहना है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका में लोगों के अंदर नेचुरल इम्युनिटी विकसित हो चुकी है। देश के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 80 प्रतिशत से अधिक लोगों में नेचुरल इम्युनिटी डेवलेप हो चुकी है। ऐसे लोगों पर वायरस का असर ज्यादा नहीं होगा। हालांकि नए वैरिएंट के के पूरे आंकड़े सामने आने के बाद ही अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। 

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के यूरोप के लिए क्षेत्रीय निदेशक डा. हंस क्लूज ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि ओमिक्रोन के चलते यूरोप में महामारी के एक और तूफान को आते देखा जा सकता है। इसका सामना करने के लिए सरकारों को तैयार रहना चाहिए। इसके चलते कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़ेंगे और पहले से ही संकटों का सामना कर रही क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था और मुश्किल में आएगी।

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