जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने कौन सी बड़ी चुनौतियां, कैसे समन्वय बिठाएगी सरकार ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) चंद घंटों बाद आम बजट पेश करेंगी. वह पहली ऐसी महिला वित्त मंत्री हैं, जो चौथी बार बजट (Union Budget) पेश करेंगी. कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना वित्त मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. इसके अलावा बेरोजगारी घटाने के साथ किसानों और छोटे कारोबारियों की आय बढ़ाने समेत कई चुनौतियों पर वित्तमंत्री को फोकस करना होगा. आइए जानते हैं आम बजट से पहले वित्त मंत्री की क्या-क्या चुनौतियां हैं?
चुनौती नंबर 1 : बेरोजगारी घटाना
कोरोना महामारी के बाद बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ी है. सीएमआईई के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर अभी 6.9% है. शहरी बेरोजगारी दर 8.4% और ग्रीमीण बेरोजगारी दर 6.2% पर है. बेरोजगारी दर को कम करना वित्त मंत्री के सामने बड़ी चुनौती है. इसके लिए उन्हें बजट में ऐसी घोषणाएं करनी होंगी जिससे रोजगार बढ़ाया जा सके. इसके लिए मनरेगा में आवंटित होने वाली राशि बढ़ाने के साथ ही शहरी बेरोजगारी पर भी काम करना होगा.
चुनौती नंबर 2 : महंगाई पर काबू पाना
खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है. थोक महंगाई 13.56 फीसदी के उच्चतम स्तर पर है. महंगाई बढ़ने से लोगों की खरीदारी करने की क्षमता प्रभावित हुई है और घर का बजट बिगड़ा है. इस बजट में वित्त मंत्री को महंगाई नियंत्रण में करने के लिए खर्च बढ़ाने के उपायों पर जोर देना होगा. बजट में बचत बढ़ाने के तरीकों पर जोर देने की जरूरत है.
चुनौती नंबर 3 : सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना
कोरोना महामारी के दौरान हेल्थकेयर सेक्टर को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है. वित्त मंत्री के सामने यह सुनिश्चित करने की चुनौती है कि आम आदमी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं कम से कम दाम में मिलें. जानकारों का सुझाव है कि वित्त मंत्री को हेल्थ सेक्टर के लिए बजट बढ़ाकर जीडीपी (GDP) का कम से कम 3 प्रतिशत करना चाहिए. इससे इलाज की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी.
चुनौती नंबर 4 : नौकरीपेशा लोगों को टैक्स से राहत
पिछले कई बजट से नौकरीपेशा वर्ग को निराशा ही मिल रही है. नौकरीपेशा की चाहत होती है कि सरकार टैक्स का बोझ कम करें. लेकिन वित्त मंत्री के सामने टैक्स कलेक्शन बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की चुनौती है. वहीं आम आदमी राहत की उम्मीद लगाए बैठा है. ऐसे में यह देखना होगा कि वित्त मंत्री दोनों के बीच कैसे तालमेल बैठा पाती हैं.
चुनौती नंबर 5 : किसानों की आय दोगुनी करना
प्रधानमंत्री मोदी का लंबे समय से यह सपना है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए. सरकार को किसानों की नाराजगी के चलते कृषि कानूनों को भी वापस लेना पड़ा. ऐसे में इस बार के बजट में किसानों पर होने वाले ऐलान पर सभी की नजर रहेगी. जानकारों को उम्मीद है कि सरकार किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ा सकती है. साथ ही किसानों के लिए और भी कुछ घोषणाएं हो सकती हैं.
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