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इस बार फिर से हुई शिक्षा बजट में बढ़ोत्तरी, जानिए सरकार शिक्षा योजनाओं के लिए कितना करेगी खर्च

वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार के बजट को लोक सभा में आज, 1 फरवरी 2022 को प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर शिक्षा के लिए अधिक बजट आवंटन की घोषणा की। वित्तमंत्री ने अपने भाषण में, वित्त वर्ष 2022-22 के लिए 104278 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव किया है जो कि पिछले वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों 88002 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। हालांकि, केंद्रीय बजट डाक्यूमेंट के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए शिक्षा के लिए 93224 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया था। वहीं, इससे पूर्व के वित्त वर्ष 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र पर 84219 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

Education Sector Budget 2022 (शिक्षा क्षेत्र का बजट): शिक्षा योजनाओं पर खर्च

केंद्र सरकार के बजट 2022-23 में शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं के लिए पहले से अधिक व्यय का प्रस्ताव किया है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए अगले वित्त वर्ष में 39553 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया गया है, जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 30796 करोड़ रुपये से अधिक है, हालांकि, कुल शिक्षा पर कुल व्यय की तरह ही वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों से 34300 करोड़ रुपये से कम ही है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष यानि 2020-21 में राष्ट्रीय शिक्षा मिशन पर 28088 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

इसी प्रक्रार, शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की एक अन्य स्टार योजना – राज्यों के लिए शिक्षण-ज्ञान अर्जन और परिणाम सुदृढ़ीकरण (STAR) योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 550 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव किया गया है, जो कि वर्तमान वर्ष के 340 करोड़ के संशोधित अनुमान से अधिक है लेकिन 485 करोड़ रुपये के पिछले बजट अनुमान से कम है। इस योजना के लिए सरकार ने 2020-21 में 92 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

सरकार की एक अन्य महत्वपूर्ण शिक्षा योजना – एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल (ईएमआरएस) के लिए वर्ष 2022-23 में 2000 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव बजट में किया गया है।

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