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आज है साल का पहला चंद्र ग्रहण, जाने इस महामारी पर कैसा पड़ेगा प्रभाव

आज 26 मई 2021 में साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगने जा रहा है. चूंकि यह ग्रहण कोरोना (Corona) काल में लग रहा है, लिहाजा इस पहलू से भी इस ग्रहण का विश्‍लेषण किया जा रहा है. चूंकि ग्रहण से पहले 23 मई 2021 को ही शनि वक्री हो गए हैं, ऐसे में यह देखना जरूरी है कि ग्रहण के बाद शनि इस महामारी पर कैसा असर डालेंगे. 

ज्‍योतिर्विद मदन गुप्‍ता सपाटू कहते हैं कि ज्योतिष में शनि को बीमारी, अस्पताल, इलाज पर होने वाले खर्च, मृत्यु आदि से भी जोड़ा गया है. जैसे ही 2019 में गुरु- शनि का संगम हुआ, कोरोना का जन्म हो गया. हालांकि ज्योतिषी एक जगह ठीक से आंकलन नहीं कर पाए कि गुरु राहू के नक्षत्र में था जो धोखा देता है. इस स्थिति में लगता है कि काम हो गया किन्तु वह छल कपट या धोखे से वार करता है. यही 2021 की शुरुआत में लगा कि कोरोना जा रहा है, जिंदगी पटरी पर आ रही है ,परंतु राहू ने अपना असली चेहरा दिखा दिया और रूप बदल-बदल कर मानव जीवन को नुकसान पहुंचाता गया.

चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) कोरोना काल में  26 मई को वृश्चिक राशि में लग रहा है और 23 मई 2021 को शनि वक्री हो गए हैं. इससे संक्रमण में कुछ कमी दिखनी आरंभ हो जाएगी. मान्यता है वक्री होने से शनि (Saturn) कमजोर पड़ जाते हैं. अब शनि महाराज 141 दिन उल्टे चलेंगे. धनु, मकर और कुंभ वालों पर साढ़ेसाती चल रही है और मिथुन व तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. 11 अक्‍टूबर 2021 से शनि मार्गी हो जाएंगे और 2023 तक मकर राशि में ही रहेंगे. अक्टूबर 2021 में कोरोना फिर सिर उठा सकता है. वैज्ञानिक इसे तीसरी लहर भी कह सकते हैं. भारत इस महामारी से लड़ने में पूर्ण सक्षम रहेगा लेकिन कोरोना से मुक्ति अप्रैल 2022 से मिलेगी. हालांकि इसका कम या ज्‍यादा असर 2023 तक रहेगा.

भारत पर ग्रहण का असर 

भारत में कोई भी ग्रहण लगने पर ज्योतिष में उसका असर बताने की प्रथा सदियों से प्रचलित रही है. लगभग हर भारतीय विश्वास करे या न करे फिर भी उसे अपने और इस ग्रहण के कारण देश पर पड़ने वाले असर के बारे में जानने की उत्सुकता भी रहती है. विज्ञान इसे खगोलीय घटना मानता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र विभिन्न लोगों पर इसका प्रभाव बताता है. वैदिक शास्त्र सदियों से बताता आ रहा है कि चंद्र का संबंध जल से है. ज्योतिष शास्‍त्र बताता है कि ‘फुल मून’ या ‘ब्लू मून’ या चंद्र ग्रहण पर सुनामी या तौउते जैसे चक्रवाती तूफान या भूकंप या प्राकृतिक आपदाएं कब औेर क्यों आएंगे. ज्योतिष में मान्यता है कि किसी भी ग्रहण से 41 दिन पहले और 41 दिन बाद तक ग्रहण का प्रभाव प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, भूकंप, भूस्ख्लन के रूप में दिखता है. जैसे ताउते चक्रवाती (Cyclone Tauktae) तूफान ग्रहण से एक हफ्ता पहले आया था.

1.चंद्र ग्रहण–26 मई, बुधवार
2.सूर्य ग्रहण-10 जून, रविवार
3.चंद्र ग्रहण- 19 नवंबर, शुक्रवार
4.सूर्य ग्रहण-4 दिसंबर,शनिवार

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