आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर दो दिवसीय खेल मड़ई प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर दो दिवसीय खेल मड़ई प्रतियोगिता का शुभारंभ रविवार को हुआ। इसमें विशेष रूप से संरक्षित 7 आदिवासी जनजातियों के पारंपरिक खेलों में बच्चों, युवक, युवतियों ने उत्साह से भाग लिया। 17 तरह के खेलों में 700 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
पहले दिन पीठुल, कबड्डी, गेड़ी दौड़, बोरा दौड़, फुगड़ी, तीरंदाजी, गोटी लुकावन जैसे खेलों का आयोजन किया गया। बच्चे, बालिका, युवा वर्ग में आयोजित प्रतियोगिता में 17 जिलों से आए प्रतिभागियों ने उत्साह दिखाया।
दो दिवसीय खेल मड़ई में विभिन्न जनजातीय समुदाय द्वारा पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल जैसे- तीरंदाजी, गुलेल, मटका दौड़, गिल्ली-डंडा, गेड़ी-दौड़, भौंरा, फुगड़ी (बालिका वर्ग), बिल्ला (बालिका वर्ग), कबड्डी, रस्साखींच, सत्तुल (पिठुल), बोरा दौड़, सुई-धागा दौड़ (बालिका वर्ग), मुदी लुकावन (गोटी लुकावन), तीन टंगड़ी दौड़ तथा नौकायन वयस्क वर्ग आदि प्रतियोगिताएं होंगी।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता बालक एवं बालिकाओं के लिए दो वर्ग 14 से 18 वर्ष आयु वर्ग और खुली प्रतियोगिता अंतर्गत 18 वर्ष एवं उससे अधिक की महिला और पुरुष के लिए पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होगी। उल्लेखनीय है कि जिलों में 22 से 28 जुलाई तक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। जिला स्तर से चयन के बाद 17 जिले के लगभग 700 प्रतिभागी इस राज्य स्तरीय आयोजन में शामिल हुए हैं।
शाम को लोक कला में कलाकार देंगे प्रस्तुति
खेल मड़ई आयोजन के अंतर्गत 7 अगस्त को पंडित जवाहरलाल नेहरू शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में संध्या 5 बजे विशेष रूप से पिछड़ी जनजातिय समूह के सांस्कृतिक दलों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुख्य आतिथ्य और संसदीय सचिव श्री द्वारकाधीश यादव की अध्यक्षता में होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विशेष संरक्षित जनजातियों के 7 दल अपनी प्रस्तुति देंगे।
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