Uttarakhand

बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर की टिप्पणी, कही यह बात

बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ आग उगली है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी चिकित्सा व ऑपरेशन तुम कर लो। ये सब मैं भी जानता हूं गलतफहमी में मत रहना। सरकार ने अगर आयुर्वेद को शल्य चिकित्सा की अनुमति दे दी तो इनके पेट में दर्द हो जाएगा। जिसे शल्य चिकित्सा आती है वो कर सकता है।

जोर देकर बाबा रामदेव बोले कि सर्जरी कोई साइंस नहीं बल्कि स्किल्ड है। झबरेड़ा में एक अनपढ़ एक मिनट में शल्य चिकित्सा कर शरीर के किसी भी अंग से गांठ बाहर निकाल देता है और रोगी भी स्वस्थ रहता है। एक दिन शिविर में लाकर उसकी लाइव शल्य चिकित्सा दिखाउंगा। बाबा रामदेव ने कहा कि करोड़ों लोगों के उनके साथ जुड़ने से उनके सपने भी बड़े हैं। देश की शिक्षा भी बदलनी है। आंखों के सामने अपने हाथ से बदलनी है।

भारत की शिक्षा, चिकित्सा, खेती व्यवस्था को बदलना है। साथ ही बाजार के भी नए आधार खड़े करने है। पुरषार्थ से पतंजलि योगपीठ बना है। शनिवार को योगग्राम में योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा कि अगले पांच सालों में पांच से दस हजार करोड़ रुपये रिसर्च पर खर्च करने हैं। वो काम करूंगा कि पूरी दुनिया भारत को फॉलो करेगी। रामदेव ने अमेरिका और यूरोप से भारत की बौद्धिक संपदा को वापस लाने का दावा किया। कहा कि दुनिया में जितने अच्छे साइंटिस्ट हैं उन्हें लेकर आउंगा।

पांच करोड़ तनख्वाह भी मांगेंगे तो रामदेव उन्हें देगा। बाबा रामदेव ने कहा कि हमें वैदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से अपनी ऊर्जा को सही दिशा में ले जाना है। देश के सौ करोड़ और दुनिया भर में 200 करोड़ से अधिक लोगों तक योग पहुंच चुका है। एक बड़ी श्रृंखला खड़ी हो गई है। एक सकारात्मक उर्जा से सात करोड़ लोगों की निगेटिव उर्जा को पॉजिटिव में बदला जा सकता है। कहा कुछ लोग स्वार्थ में लगे हैं वे परमार्थ में लगे हैं।

रोग मिटाने में लीपापोती करते हैंरामदेव ने कहा कि बुखार होने पर डाक्टर बुखार उतारने की दवा देते हैं। बुखार किस कारण आया ये जानने की कोशिश नहीं की जाती। ये रोग मिटाने में लीपापोती करते हैं। जिस कारण शरीर पर दवाओं का नियंत्रण हो जाता है। बड़ी गहराई की बात कर रहा हूं। लेकिन आयुर्वेद व योगा अंदर से बीमारी का जड़ से नाश कर देता है। 

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