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यास तूफान को लेकर तटवर्तीय राज्‍यों की बढ़ी चिंता, पश्चिमी बंगाल समेत इन पांच राज्‍यों में मंडरा रहा खतरा

 पिछले दिनों अरब सागर में उठे टाक्‍टे चक्रवाती तूफान के बाद अब बंगाल की खाड़ी में बन रहे यास तूफान को लेकर तटवर्तीय राज्‍यों की चिंता बढ़ गई है। इसको देखते हुए सभी एहतियाती कदमों को भी उठाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम समेत जरूरी उपकरणों को समय रहते तटवर्तीय राज्‍यों में पहुंचाया जा रहा है। एहतियातन कुछ ट्रेनों को भी फिलहाल रद कर दिया गया है। 

मौसम विभाग के मुताबिक यास तूफान का पश्चिमी बंगाल समेत पांच राज्‍यों में खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें कि एक सप्‍ताह पहले आए टाक्‍टे ने भी दक्षिण-पश्चिम भारत के पांच राज्‍यों में काफी नुकसान पहुंचाया था। मौसम विभाग का कहना है कि यास तूफान से 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। इसका सबसे अधिक असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में देखा जाएगा।

मौसम विभाग ने यास के मद्देनजर जिन राज्‍यों में अलर्ट और चेतावनी जारी की है उनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इसके अलावा मेघालय में भी अलर्ट जारी किया गया है। 

25 मई के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा और सेंट्रल आंध्र प्रदेश में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया गया है।

26 मई में पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में भारी बारिश और तेज हवा की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा मेघालय में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

27 मई के लिए झारखंड और बिहार में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका के मद्देनजर चेतावनी जारी की गई है जबकि मेघालय में अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है। ओडिशा के मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि दबाव वाले क्षेत्र के उत्‍तर-उत्‍तर पश्चिम की और बढ़ने तथा 24 मई की सुबह तक चक्रवाती तूफान और इसके अगले 24 घंटों में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। ये उत्‍तर-उत्‍तर पश्चिम की तरफ बढ़ता रहेगा और मजबूत भी होता रहेगा। इसके 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट के पास पहुंचने की आशंका है। 26 मई को इसके पारादीप को पार करने की आशंका है। इससे निपटने की तैयारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उच्‍चस्‍तरीय बैठक की है और स्थिति का जायजा लिया है।

इस तूफान को देखते हुए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में हाईअलर्ट है। इसकी वजह से अंडमान निकोबार के पूर्वी तट के कई इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। इसके बाद यहां पर खतरा बढ़ने की भी आशंका जताई गई है। यास तूफान को देखते हुए केंद्र और राज्‍यों ने कमर कस ली है। ओडिशा में एनडीआरएफ की 22, अग्निशमन दल की 177 टीम के साथ ओडीआरएफ की करीब 66 टीमों को तैनात किया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल के तटवर्तीय इलाकों पर यास तूफान के खतरे को देखते हुए नौसेना, वायुसेना और थल सेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा यहां पर कोस्‍टगार्ड, डिजास्‍टर रिलीफ टीम, लाइफबॉय और लाइफ जैकेट के अलावा डॉक्‍टरों की टीम को भी स्‍टेंडबाय पर रखा गया है। तटवर्तीय राज्‍यों खासतौर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मछुआरों को समूद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही उन्‍हें तट से दूर रहने को भी कहा गया है।

यास तूफान को देखते हुए केंद्र ने भी गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक राज्‍यों से कहा गया है कि वो इमरजेंसी कमांड सिस्‍टम और ऑपरेशन सेंटर और कंट्रोल रूम को पूरी तरह से एटिक्‍व मोड पर ले आएं। साथ ही जो इलाके तूफान के रास्‍ते में आने वाले हैं वहां स्थित अस्‍पतालों के मरीजों और स्‍थानीय लोगों को सुरिक्षत स्‍थानों पर ले जाने की तैयारी करें और इसके लिए मैनेजमेंट प्‍लान शुरू कर दें। कोरोना महामारी को देखते हुए राज्‍यों से इसकी निगरानी यूनिट बनाने और डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के लिए भी तैयार रहने को कहा गया है। राज्‍यों को दवाओं का स्‍टॉक रखने का भी दिशा-निर्देश दिया गया है।

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