भारत को हॉकी में लगातार 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलवाने वाले हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी बलबीर सिंह दोसांझ की जयंती आज
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भारत को हॉकी में लगातार 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलवाने वाले ओलंपियन व हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी और पद्मश्री बलबीर सिंह दोसांझ (सीनियर) की आज जयंती है। भारतीय हॉकी के इतिहास में दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर को अब तक का सबसे बेहतरीन सेंटर-फॉरवर्ड खिलाड़ी माना जाता है। 1948, 1952 और 1956 में भारतीय हॉकी टीम की ओलंपिक गोल्ड की दूसरी हैट्रिक के बाद उनके खेल कौशल ने देश को कई बार जश्न मनाने का मौका दिया।
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पंजाब में एक स्वतंत्रता सेनानी करम कौर और दलीप सिंह दोसांज के घर जन्मे बलबीर सिंह के प्रारंभिक कई वर्ष उनके पिता के बिना ही बीते, जो उन दिनों अमूमन यात्रा करते रहते थे और कई बार जेल भी जाते थे। हॉकी ने उन्हें कम उम्र से ही आकर्षित करना शुरू कर दिया था। वह जब पांच वर्ष के थे, तभी से हॉकी खेलने लगे थे। फिर जब 12 वर्ष की आयु में उन्होंने 1936 में इंडियन हॉकी टीम को तीसरा ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतते हुए देखा तो बलबीर सिंह सीनियर को पता चल चुका था कि उन्हें अपने जीवन में आगे क्या करना है।
उन्होंने एक गोलकीपर के रूप में अपनी शुरुआत की और इसके बाद बैक फोर में खेलने लगे। किन्तु उन्हें अपने हुनर का सही अंदाज़ा पहली बार तब हुआ, जब एक स्ट्राइकर के रूप में उन्हें स्थानीय टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला। अपनी असली पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 12 मई 2020 को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और 25 मई को इस महान हॉकी प्लेयर ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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