जानिए क्या है सैन्यधाम ,पांचवें धाम के नाम से जाना जाएगा देवभूमि उत्तराखंड
देवभूमि उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्यधाम (Sainya Dham) बनाया जा रहा है। 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम को 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। सैन्यधाम निर्माण के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है। तो चलिए आपको बतातें हैं कि आखिर सैन्यधाम कहां बन रहा है और इसमें क्या कुछ खास होने वाला है…
राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में सैन्यधाम का निर्माण होने जा रहा है। इसे उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में भी जाना जाएगा। सैन्यधाम निर्माण के लिए 15 नवंबर को गढ़वाल मंडल के सवाड गांव और कुमाऊ मंडल के मुनाकोट गांव से शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी। जिसके बाद यहां से शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्र की गई। शहीदों के आंगन से लाई गई मिट्टी को एक बड़े कलश में रखा जाना। इसके बाद इसे सैन्यधाम में बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा जाएगा।
जानिए सैन्यधाम के बारे में कुछ खास बातें
-50 बीघा भूमि पर होगा सैन्यधाम का निर्माण।
-63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा सैन्य धाम।
-प्रांगण में बनाया जाएगा बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरभजन सिंह का मंदिर।
-इन दोनों वीर सैनिकों को सेना में भी पूजा जाता है।
-दो साल के भीतर सैन्यधाम निर्माण का लक्ष्य।
सभी शहीदों के लगेंगे चित्र
पांचवें धाम सैन्यधाम में द्वितीय विश्वयुद्ध से लेकर अब तक उत्तराखंड के जितने भी सैनिक शहीद हुए हैं, उन सबके चित्र लगाए जाएंगे। इसके साथ ही उन सभी के बारे में जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा सैन्य धाम में लाइट एंड साउंड सिस्टम, टैंक, जहाज के साथ ही अन्य सैन्य उपकरण भी रखे जाने हैं।
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