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भिखारी मुक्त काशी अभियान में जुटी योगी सरकार

भीख मांगने में लिप्त लोगों की पहचान, उनके सरंक्षण, काउन्सलिंग
व पुनर्वास के लिए योगी सरकार ने दिये दिशानिर्देश

वाराणसी, 16 मार्च। जी 20 सम्मेलन के पहले काशी भिखारियों से
मुक्त दिखेगी। योगी सरकार इसके लिए अभियान चला रही है। जी
20 सम्मेलन के लिए दुनिया के 20 ताकतवर देशों के मेहमान काशी
में जुटेंगे। विश्व में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान
रखने वाली काशी अपने नाम के अनुरूप दिखे इसके लिए योगी
सरकार काशी का कायाकल्प कर रही है। सरकार भिखारी मुक्त काशी
अभियान चला रही है। जिससे जी 20 के मेहमानों के साथ ही दुनिया
भर से आने वाले पर्यटक काशी की अच्छी छवि साथ लेकर जाए।
भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों की पहचान ,संरक्षण काउंसलिंग व पुनर्वास,
करा रही है।

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी काशी में पूरे विश्व
से सदियों से पर्यटकों आते रहे है। काशी के कायाकल्प और नव्य
भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद दुनिया भर के
पर्यटकों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। जी -20 समेलन में काशी आने वाले
विशिष्ट मेहमान व पर्यटक काशी की ख़राब छवि साथ न ले जाए
इसके लिए योगी सरकार काशी को भिखारियों से मुक्त रही है। जिला
समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति ने बताया कि इस

अभियान में थानेवार 6 टीम लगी है, जिसमे अलग अलग विभागों के
8 से अधिक सदस्य हैं। खासतौर पर मंदिरों, घाटों और अन्य भिख
मांगने वाले जगहों पर अभियान चलाया जा रहा है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि भिक्षावृत्ति निवारण
अधिनियम 1975 के तहत भिक्षा मांगना अपराध है। इसके लिए
भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को स्वाभिमान पढ़ाने के साथ ही उनकी
काउन्सलिंग की जा रही, जिससे दोबारा भिक्षा न मांगे, लावारिस व
दिव्यांगजन अशक्त भिक्षा मांगने वालों को स्वयं सेवी संस्था अपना
घर आश्रम में, वृद्ध भिक्षुकों को वृद्धाश्रम में, अस्थायी रूप से रेस्क्यू
किये गए भिक्षुकों को शेल्टर होम रखा जा रहा है। दूसरे जिले के
भिक्षुकों को उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। भिखारियों का
चिह्नीकरण, डाटा संकलन के साथ उनको सचेत किया जा रहा है।
पुलिस विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है की कोई भी भिक्षा मांगने
के लिए किसी भी स्थान पर बैठा न मिले, पुलिस लगतार पेट्रोलिग
करके ये सुनिश्चित करा रही है।

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