जल जीवन मिशन के तहत क्षमता संवर्धन विषयक कार्यशाला हुयी सम्पन्न
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उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशो के क्रम में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विभिन्न विकासपरक व अन्य शासकीय योजनाओं को मुकम्मल अन्जाम देने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सतत् रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा 25 व 26 नवम्बर, को दो दिवसीय आवासीय, ‘‘जल जीवन मिशन के अन्तर्गत आई0ए0एस एवं आई0ई0सी0 एजेन्सी हेतु क्षमतासंवर्धन’’ विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 48 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण के प्रथम दिवस सोमवार को उद्घाटन सत्र के आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अच्छेलाल यादव, वरिष्ठ सलाहकार, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन, उ0प्र0 की गरिमामयी उपस्थिति में, संस्थान के उप निदेशक, राजेश कुमार मल्ल, प्रशिक्षण सत्र प्रभारी डॉ0 अशोक कुमार, सहायक निदेशक, विशिष्ट अतिथि वार्ताकार डॉ0 मजहर रसीदी, प्रतिनिधि इण्डिया एवं हेमेन्द्र शर्मा, सलाहकार, संस्थान इत्यादि ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए, विषयगत प्रासंगित विचारों को व्यक्त किया।
उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि अच्छेलाल यादव ने प्रतिभागियों को बताया कि प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति में सुधार के फलस्वरूप आम लोगों में मुख्यतः ग्रामीण/शहरी इलाकों में रहने वालें लोगों की उम्मीदें भी काफी बढ़ी हैं। दिन-प्रतिदिन बढ़ती बुनियादी सुविधाओं में शुद्ध जल को घरों तक पहुंचाना उनमें से एक है। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को उनके घर में नियमित रूप से नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराकर उनके परिवार के जीवन को बेहतर बनाना है।बताया कि इस मिशन के तहत गांव के हर घर को नल से जल पहुंचने तथा ग्रामीण महिलाओं और बहु-बेटियों को घर से दूर-दूर से पानी लाने की समस्या से निजात मिल रही है वहीं इसमें लगने वाले समय की बचत से अपनी पढ़ाई-लिखाई आदि के कार्याे का निर्वहन किया जा रहा है। ‘जल जीवन मिशन’ से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच का अन्तर कम होगा तथा ग्रामीण जल-जीवन की गुणवत्ता में सुधार आयेगा। गांव में अधिकांश बीमारियों का मुख्य कारण दूषित पानी का सेवन है, इसलिये इस मिशन से शुद्ध जल आपूर्ति के कारण बीमारियाँ कम होंगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रमुख विषयों यथा-ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति का सशक्तिीकरण, संदूषित जल प्रबन्धन की मूल अवधारणा तथा बचाव, जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत संचालन एवं अनुरक्षण तथा भूगर्भ जल का संरक्षण इत्यादि विषयों पर राज्य स्तरीय प्रबुद्ध वार्ताकारों व विषय- विशेषज्ञों ने उपस्थित प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया।
प्रशिक्षण दिवस के दूसरे दिन के समापन अवसर पर संस्थान के अपर निदेशक, बी0डी0 चौधरी ने सभी अधिकारियों, वार्ताकारों तथा प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के माध्यम से ‘हर घर नल के द्वारा हर घर जल’ की आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर इस मिशन के क्रियान्वयन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। इस योजना के उपरान्त गांव में गठित ‘ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति’ का मुख्य दायित्व है कि इसकी स्थिरता निरन्तर बनी रहे और सबको शुद्ध जल मिलता रहे। इस समिति के माध्यम से उपभोक्ता शुल्क निर्धारित कर जल जीवन मिशन से जुड़े सभी इन्फ्रास्टक्चर को रख-रखाव में खर्च किया जाय।
जल जीवन मिशन को सुचारू रूप से चलाये जाने के लिये इम्प्लीमेन्टेशन सपोर्ट एजेन्सी तथा आई0ई0सी0 एजेन्सी लगायी गयी हैं। एजेन्सी में कार्यरत कार्मिकों द्वारा जल जीवन मिशन को जहां एक तरफ गति दी जा रही है ,वहीं दूसरी तरफ प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इन एजेन्सियों का मुख्य कार्य जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक स्तर पर कार्याे को सही ढंग से क्रियान्वित कराये जाने में मदद करना तथा पीने के लिये स्वच्छ जल के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए जल का संचयन, संवर्धन और संरक्षण बल देना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन इंजी0 मोहित यादव, संकाय सदस्य ने किया। प्रशिक्षण प्रबन्धन व आयोजन के दृष्टिगत आई0ई0सी0 विशेषज्ञ, यू0पी0 सिंह, यशवीर सिंह चौधरी, आशाराम मौर्या, ओम प्रकाश तथा मो0 शहंशाह, प्रचार सहायक का सराहनीय योगदान रहा।
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