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अखिलेश का साथ छोड़कर आईं अपर्णा यादव के लिए आखिर क्या है BJP का प्लान? यूपी निकाय चुनाव में भी नहीं मिली तरजीह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा ने बड़ी सेंध लगाते हुए मुलायम सिंह यादव परिवार की अहम सदस्य छोटी बहू अपर्णा यादव को अपने पाले में कर लिया था। सियासी जानकारों के लिए ये खबर बड़ी थी और माना जा रहा था कि भाजपा जल्द ही सपा के खिलाफ अपर्णा यादव को मोर्चे पर खड़ा करेगी। लेकिन समय बीतने के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और आज नेता जी के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव का राजनीतिक भविष्य अधर में लटका दिखाई दे रहा है। मौजूदा समय में अपर्णा यादव ना ही किसी सदन की सदस्य हैं और ना ही पार्टी में उन्हें कोई बड़ी व महत्वपूर्ण जिम्मेदारी ही मिली है। हाल ये है कि चुनाव दर चुनाव अपर्णा यादव का नाम सिर्फ चर्चाओं में आता है लेकिन उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल नहीं हो पाता है। यूपी नगरीय निकाय चुनाव-2023 में भी यही देखने को मिला है। हर बार की तरह इस बार भी अपर्णा यादव सिर्फ चर्चा ही तक सीमित रहीं। उनका नाम लखनऊ से मेयर पद के दावेदारों में शुमार था लेकिन टिकट नहीं मिला।

अपर्णा को प्रत्याशी ना बनाये जाने पर बोले वरिष्ठ पत्रकार

वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी कहते हैं कि अपर्णा यादव कई मायनों में डिजरविंग लेडी हैं। सोशल होने के साथ ही अच्छी वक्ता हैं, अच्छे परिवार से भी आती हैं। यह अपर्णा का दुर्भाग्य ही है कि उत्तर प्रदेश के सबसे रसूखदार परिवार से बगावत करके भारतीय जनता पार्टी में आने के बावजूद अभी तक ऐसा अवसर नहीं प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार अपेक्षा थी कि बीजेपी उन्हें मौका दे सकती है लेकिन हर पार्टी की अपनी अपनी चुनावी रणनीति होती है, हो सकता है कि वह उस खांचे में फिट ना बैठी हों। लेकिन एक नेता बनने में जो गुण होने चाहिए, उससे अपर्णा यादव परिपूर्ण हैं। लखनऊ के पॉपुलर नेताओं में अपर्णा शुमार हैं।

लखनऊ मेयर पद के लिये अपर्णा मानी जा रही थीं प्रबल दावेदार

दरअसल 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव को लेकर यूपी में चुनावी माहौल है। इसको लेकर एक ओर जहां सभी राजनीतिक दल उम्मीदवारों को लेकर मंथन में जुटे थे, वहीं नेता भी अपना राजनीतिक भविष्य को धार देने के लिये अपने अपने क्षेत्र से दावा ठोंक रहे थे। इसमें कुछ नेता खुलकर पार्टी दफ्तर से लेकर पदाधिकारियों के आवास तक दिन-रात किये थे, वहीं कुछ एक नेता पर्दे के पीछे से अपनी दावेदार पेश कर रहे थे। इसी क्रम में लखनऊ नगर निगम की महापौर सीट के लिये बीजेपी नेत्री अपर्णा यादव का नाम भी तेजी से चल रहा था। लखनऊ महिला सीट होने के बाद अपर्णा यादव प्रबल दावेदारों में से एक थीं लेकिन बीजेपी की लिस्ट ने उन सभी नामों पर विराम लगा दिया, जो आरक्षण फाइनल होने के बाद से जोरों से चर्चाओं में थे।


2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में हुई थीं शामिल

बता दें, अपर्णा यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। अपर्णा ने बीते यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी में अपर्णा यादव के शामिल होने के बाद ये चर्चा होने लगी थी कि बीजेपी अपर्णा यादव को कैंट विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है। लेकिन वहां से ब्रजेश पाठक (वर्तमान उपमुख्यमंत्री) को टिकट थमाकर अपर्णा के अरमानों पर पानी फेर दिया गया था। इसी तरह विधानसभा चुनाव के बाद हुए राज्यसभा और विधानपरिषद के चुनाव में भी अपर्णा को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चलीं, लेकिन वो सिर्फ चर्चा ही रह गई। वहीं हाल ही में सम्पन्न हुए मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में भी अपर्णा यादव को लेकर भी चर्चा सामने आई थी लेकिन उस चुनाव में भी बीजेपी ने अपर्णा यादव पर भरोसा नहीं जताया।

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