वाराणसी स्मार्ट सिटी ने अबतक ₹10 अरब से ज्यादा के प्रोजेक्ट किए पूरे
वाराणसी, 26 अप्रैल। दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी काशी जितनी अपनी प्राचीनता के लिए जानी जाती है उतना ही अब आधुनिकता के लिए भी विश्व में लोग इसे पहचानने लगे हैं। वाराणसी अपने मूल स्वरूप को समेटे हुए आधुनिकता के साथ तालमेल करते हुए स्मार्ट होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशन में काशी को स्मार्ट बनाने के लिए तथा यहां मूलभूत सुविधाओं में सुधार करते हुए एडवांस टेक्नोलॉजी से इस शहर को लैस करने का काम निरंतर जारी है। इसी का नतीजा है कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के तहत 2018 से लगभग ₹10 अरब (1017.69 करोड़) की योजना स्वीकृत हुई थी, जिसका कार्य पूरा हो चुका है। इससे शहर के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। वहीं करीब ₹329 करोड़ की लगभग 3 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है, जिनके मार्च 2024 तक पूर्ण होने की सम्भावना है।
ब्रांड बनारस के रूप में विख्यात हो रहे काशी के डेवलपमेंट की चर्चा आज चहुंओर है। 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेण्टर ‘रुद्राक्ष’, आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग, एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर, शहर के चप्पे चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प, गलियों का पुनरुद्धार, पौराणिक तालाब, कुंडो, पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन ज़िम, पार्को का जीर्णोद्धार, घाटों पर फसाड लाइट और घाटों के महत्त्व को बताते हुए साइनेज, कल्चरल अपलिफ्टमेटेन्ट के तहत गंगा आरती और श्रीकाशी विश्वनथ मंदिर की आरती का शहर में लाइव प्रसारण, इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन, शहर में कई जगह पर फ्री वाई फाई सुविधा, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक सुविधा और मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण, गोदौलिया, दशाश्वमेध तक गुलासबी गलियारा व सौंदर्यीकरण आदि काम हुए हैं। जिससे शहर की रंगत ही पूरी तरह से बदल गयी है।
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