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UPPSC द्वारा PCS प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन कराए जाने के निर्णय को छात्र शक्ति की जीत 

श्री प्रमोद तिवारी, सांसद, उप नेता, राज्य सभा ने य.ूपी.पी.एस.सी. द्वारा     पी.सी.एस प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन कराए जाने के निर्णय को छात्र शक्ति की जीत करार दिया है। उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कल तक यही रट लगा रहा था कि यह फैसला नही बदलेगा। किन्तु उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा की 9 सीटों के उप चुनाव के दबाव में सरकार को छात्रों की जायज मांगों को स्वीकार करना पड़ गया।
श्री तिवारी ने कहा कि छात्रों का आंदोलन पूरी तरह से गैर राजनीतिक रहा, और छात्रों ने सत्य के लिए संघर्ष किया। गैर राजनीतिक ढंग से चलाए गए छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन की आंच उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र के साथ- साथ देश भर में पहंुच गयी। ऐसे में सरकार को छात्रों की विशुद्ध जायज मांगे, उनके भविष्य की सुरक्षा को लेकर चलाए गए संघर्ष में चैतरफा दबाव के चलते यूपीपीएससी को अपनी हठवादिता त्यागकर नए निर्णय के लिए अन्ततः झुकना पड़ा।
श्री तिवारी ने कहा कि हालांकि अभी यूपीपीएससी द्वारा मौखिक रूप से ही इस प्रकार का निर्णय सुनाया गया है। उन्होनें तंज कसते हुये कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से छात्र, बेरोजगार, श्रमिक तथा युवा एवं किसान व आम आदमी के हितों की विरोधी है। 69000 शिक्षकों का गंभीर मसला अभी भी लंबित है। परीक्षाओं में पेपर लीक होना या कोई न कोई तकनीकी कठिनाई का सामने आना भी सरकार का छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड करने का गैरजबाबदेही चेहरा बेनकाब होता आया है।
श्री तिवारी ने छात्र आंदोलन को लेकर भाजपा पर यह भी तंज कसा कि वह कहती है कि एक रहोगे तो सेफ रहोगे, बटंेगे तो कटेंगे। आखिर छात्रों ने भी एकजुटता का प्रदर्शन कर सत्य के संघर्ष में जीत की मंजिल हासिल कर ली। उन्होने छात्रो के अपने भविष्य की सुरक्षा को लेकर लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण आंदोलन में हासिल हुई जीत के लिए छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुये उन्हें शुभकामनाएं दी।

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