Uttar Pradesh

पारदर्शी पदस्थापन प्रक्रिया के तहत 24 सहायक अभियंताओं का ऐच्छिक विकल्प चयन के आधार पर ऑनलाइन किया गया पदस्थापन

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में आज उनके सरकारी आवास पर ऑनलाइन माध्यम से लघु सिंचाई विभाग के नवप्रोन्नत 24 सहायक अभियन्ताओं का पारदर्शितापूर्ण व्यवस्थान्तर्गत पदस्थापना हेतु अभियंताओं द्वारा चुने गये ऐच्छिक विकल्प के आधार पर पदस्थापन किया गया। जिसमें से 18 सहायक अभियंता नवप्रोन्नत है, जबकि 06 सहायक अभियंता सीधी भर्ती के हैं। पारदर्शितापूर्ण पदस्थापन प्रक्रिया के तहत 24 सहायक अभियंताओं द्वारा ज्येष्ठता क्रम में ऐच्छिक विकल्प का चयन किया गया, जिसके आधार पर अभियंताओं का पदस्थापन किया गया। ऐच्छिक विकल्प चयन आधारित प्रक्रिया द्वारा विकल्प चयन प्रक्रिया पर नवप्रोन्नत सहायक अभियन्ताओं द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गयी।
    जलशक्ति मंत्री ने इस अवसर पर सभी अभियंताओं को बधाई देते हुए कहा कि किसान अपने परिश्रम से देश को मजबूत कर रहे हैं, इनकी मदद करना हमारा दायित्व है। किसानो के जीवन में खुशहाली लाना ही हमारा प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। कृषकों के खुशहाल होने से आज देश भी खुशहाल है। यदि विभाग द्वारा दी गई ज़िम्मेदारी में किसी प्रकार की लापरवाही करेंगे, तो ईश्वर भी माफ़ नहीं करेगा। पारदर्शितापूर्ण व्यवस्था के तहत निष्पक्ष पदस्थापना सरकार की प्राथमिकता में है। सभी अभियन्ता परिश्रम की पराकाष्ठा पर जाकर कड़ी मेहनत एवं पूर्णनिष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन करें और योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुँचायें।
       जलशक्ति मंत्री ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत पदस्थापना प्रक्रिया में भाग ले रहे सहायक अभियन्ताओं का मार्गदर्शन करते हुये कहा कि प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी को अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए तथा प्रदेश के कृषकों को सिंचाई विभाग का पूर्णतः लाभ उपलब्ध कराना चाहिए। कोई भी अधिकारी और कर्मचारी अपने हेडक्वार्टर से बाहर नहीं रहेगा, अपने हेडक्वार्टर पर ही रह कर विभागीय दायित्वों का निर्वहन करें।
      इस अवसर पर  प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग श्री अनुराग श्रीवास्तव, उप सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री डॉ अम्बरीश कुमार सिंह, मुख्य अभियंता लघु सिंचाई श्री रमाकान्त तिवारी के साथ अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सम्पर्क सूत्र- इंजेश सिंह/अजय द्विवेदी

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