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ईरान में तीन भारतीय नागरिक लापता: अपहरण और फिरौती की आशंका

नई दिल्ली, 29 मई 2025 — ईरान में तीन भारतीय नागरिकों के लापता होने की खबर सामने आई है। ये तीनों पंजाब के निवासी हैं और 1 मई को ईरान पहुंचे थे। परिवारों का दावा है कि उन्हें अपहरण कर लिया गया है और फिरौती की मांग की जा रही है।


लापता नागरिकों की पहचान

  • हुसनप्रीत सिंह — संगरूर, पंजाब
  • जसपाल सिंह — शहीद भगत सिंह नगर, पंजाब
  • अमृतपाल सिंह — होशियारपुर, पंजाब

परिवारों के अनुसार, इन युवकों को एक एजेंट ने ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा किया था, जिसके तहत उन्हें दुबई और ईरान के रास्ते भेजा गया। हालांकि, ईरान पहुंचने के तुरंत बाद, उनका अपहरण कर लिया गया। परिजनों को भेजे गए वीडियो में तीनों युवकों के हाथ पीले रस्सियों से बंधे हुए दिखाई दे रहे हैं, और उनके शरीर पर चोट के निशान हैं। अपहरणकर्ताओं ने ₹1 करोड़ की फिरौती की मांग की है और धमकी दी है कि भुगतान न होने पर उन्हें मार दिया जाएगा।


🏛️ भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया

तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और ईरानी अधिकारियों से लापता नागरिकों को शीघ्रता से खोजने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। दूतावास ने एक बयान में कहा, “तीन भारतीय नागरिकों के परिवारों ने दूतावास को सूचित किया है कि उनके रिश्तेदार ईरान यात्रा के बाद लापता हो गए हैं। दूतावास ने इस मामले को ईरानी अधिकारियों के समक्ष मजबूती से उठाया है और अनुरोध किया है कि लापता भारतीयों को शीघ्रता से खोजा जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”

दूतावास ने यह भी बताया है कि वे परिवारों को नियमित रूप से इस मामले में की जा रही प्रगति के बारे में जानकारी दे रहे हैं।


एजेंट की भूमिका और कार्रवाई

परिवारों का कहना है कि इन युवकों को ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा करने वाला एजेंट अब फरार है। उन्होंने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और एजेंट की तलाश जारी है।


सरकार और अधिकारियों से अपील

परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और लापता नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी सहायता की मांग की है।


यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और अवैध मानव तस्करी के बढ़ते खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करता है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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