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सचिवों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रहा है शासन

उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ द्वारा आयोजित सतत विकासोन्मुखी पंचायती राज संस्थाओं की संवैधानिक एवं प्रशासनिक सुदृढ़ता विषयक एक दिवसीय राज्य स्तरीय अधिवेशन सह संगोष्ठी का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में हुआ। आयोजन के मुख्य अतिथि ओमप्रकाश राजभर पंचायती राज मंत्री एवं विशिष्ट अतिथि निदेशक पंचायती राज अटल कुमार राय रहे। अधिवेशन की अध्यक्षता प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ प्रदीप सिंह ने किया। अधिवेशन में पूरे प्रदेश से आये ग्राम पंचायत अधिकारियों,सहायक विकास अधिकारी पंचायत एवं पंचायती राज विभाग के अन्य संवर्ग के कर्मचारियों अधिकारियों ने सहभागिता किया। अधिवेशन में देश और प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था के गौरवशाली इतिहास एवं पंचायती राज व्यवस्था के संवैधानिक प्राविधानों एवं प्रशासनिक सुदृढ़ता पर गहन चर्चा हुयी। विभिन्न वक्ताओं द्वारा उत्तर प्रदेश में पंचायती राज की वर्तमान प्रशासनिक संरचना तथा उसके बेहतर परिणाम के लिए प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक सुझाव दिये।

विशिष्ट अतिथि पंचायती राज निदेशक अटल कुमार राय ने कहा कि प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था तब से प्रभावी है जब भारतीय संविधान भी लागू नहीं हुआ था। उ० प्र० संयुक्त प्रांत पंचायती राज अधिनियम 1947 देश के किसी भी प्रांत का प्रथम पंचायती राज अधिनियम है। मूल रूप से इसका उद्देश्य स्थानीय स्वशासन में जन भागीदारी और प्रशासन का विकेंद्रीकरण, आर्थिक विकास तथा सामाजिक न्याय है। आजादी के बाद से अब तक ग्राम पंचायत के सचिव ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों एवं शासन प्रशासन के सहयोग से पूरी निष्ठा एवं समर्पण के भाव से लगे हुए हैं। अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे सेक्रेटरी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि 1947 और आज की परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है। इस बदलाव के अनुरूप सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रारंभिक और मध्यवर्ती पंचायतों मे कार्यरत विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को और सशक्त किये जाने की आवश्यकता है ताकि योजनाओं का और बेहतर एवं प्रभावी क्रियान्वयन हो सके। वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था की विसंगतियों पर माननीय पंचायती राज मंत्री और विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराना भी इस आयोजन का एक मुख्य उद्देश्य है जिसे सभी ने स्वीकार किया।

मुख्य अतिथि पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की कार्य प्रणाली में व्यापक परिवर्तन देखने को मिले हैं। आज प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायते अपना कार्य ऑनलाइन कर रही हैं अतः इस डिजिटल युग में ग्राम सचिवों को जनहित में शासन प्रशासन की मंशा के अनुरूप समस्त महत्वाकांक्षी योजनाओं को कुशलता पूर्वक अपने पदीय दायित्वों के साथ पूरी ईमानदारी एवं समर्पण के साथ किया जाना चाहिए तभी प्रदेश की ग्राम पंचायते सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
शैक्षणिक योग्यता उन्नयन, ग्रेड पे में बढ़ोत्तरी, वाहन भत्ता आदि ग्राम पंचायत अधिकारी संघ की मुख्य मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए माननीय मंत्री जी ने अति शीघ्र इस पर सकारात्मक निर्णय लेने की बात कही।
अधिवेशन को अपर निदेशक पंचायती राज राजकुमार, आर एस चौधरी,एसएन सिंह, योगेंद्र कटियार, मैनेजर सिंह, कमल किशोर शुक्ल, संजय सिंह, पूर्णेन्दु दीक्षित आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री नागेंद्र प्रताप कुशवाहा ने किया।

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