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केन्द्रीय बजट में हरियाणा का नाम लेना भी भूली सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा

The government also forgot to take the name of Haryana in the Union Budget – Deependra Hooda

केन्द्रीय बजट को पूरी तरह निराशाजनक बताते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार केन्द्रीय बजट में हरियाणा का नाम लेना भी भूल गई। लेकिन 2 महीने बाद विधान सभा चुनाव में हरियाणा की जनता बीजेपी को वोट देना भी भूल जाएगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ये कैसा बजट है जिसमें देश की ज्वलंत समस्याएं, बढ़ती हुई महंगाई, रिकार्ड स्तर पर बेरोजगारी, जो देश का युवा झेल रहा है उसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया। न ही इसके लिए कोई आवंटन या कोई कदम उठाया गया। देश के किसान व गरीब जैसे बड़े वर्गों को राहत की उम्मीद थी, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई।

दीपेंद्र हुड्डा ने आज पेश हुए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि इस बार बजट में हरियाणा फिर से खाली हाथ रहा। इसमें हरियाणा के लिए कोई नयी परियोजना देना तो दूर, 10 साल पहले हमारे द्वारा मंजूरशुदा परियोजनाओं के लिए भी कोई बजट आवंटन नहीं दिया गया। मेट्रो विस्तार, RRTS परियोजनाएं – दिल्ली-सोनीपत-पानीपत, दिल्ली-गुड़गाँव-अलवर, दिल्ली-रोहतक-हिसार, रेल कोच फैक्ट्री, बाढ़सा एम्स-2 परिसर के मंजूरशुदा संस्थान, डिफेन्स यूनिवर्सिटी समेत हमारे द्वारा मंजूर कराई गई सारी बड़ी परियोजनाएं पिछले 10 वर्षों की तरह एक बार फिर खाली हाथ रह गयीं। यह ऐसा बजट है जिसमें हरियाणा को हर तरह से मायूसी मिली। दीपेन्द्र ने यह भी जोड़ा कि ये बजट एक सौदेबाजी है और अल्पमत सरकार की मज़बूरियों के चलते सारा ध्यान केवल 2 प्रदेशों पर केंद्रित है। इसके अलावा क्षेत्रीय संतुलन के नाम पर ये बजट एक मज़ाक है। वोट के लिए बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री हरियाणा आकर चुनावी नारे गढ़ते हैं लेकिन जब हरियाणा को कुछ देने की बारी आती है तो चुपचाप किनारा कर लेते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले के वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट से आम लोगों को निराशा हाथ लगी है। ये बजट जनविरोधी और महंगाई को बढ़ावा देने वाला है। बढ़ती महंगाई से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है, लोगों का कमाना खाना तक मुश्किल हो गया है। डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस समेत खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। रिकार्ड महंगाई से महिलाओं की रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। अब तो हालत ये है कि आम लोगों की थाली से सब्जी और दाल तक दूर हो चुकी है।

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