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कोरोना संकट की वजह से हर राज्य की स्थिति बिगड़ती जा रही है, ऑक्सीजन-बेड की कमी से जूझ रहे अस्पताल

देश में एक बार फिर से कोरोना ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। देश कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में है। कोरोना ने देश का बुरा हाल कर दिया है। देश के कई राज्यों के अस्पतालों में ना बेड खाली हैं और ना ही ऑक्सीजन। इस कारण मरीज बेहाल हैं। महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में अमूमन यही हाल है। देश के कई अस्पतालों की ये हालत है कि वे ना तो किसी मरीजों को भर्ती कर रहे हैं और ना ही ऑक्सीजन की कोई सप्लाई है। कोरोना की दूसरी लहर इतनी बढ़ गई है कि इसको कोई पूरा नहीं कर पा रहा है, मरीज ऑक्सीजन के बिना तड़प रहे हैं।

मध्य प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी

मध्य प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। मरीज तड़प रहे हैं लेकिन अस्पताल एडमिट नहीं कर रहे हैं। अस्पतालों के पास ना बेड हैं और ना ही ऑक्सीजन। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीज दम तोड़ रहे हैं। सरकारी हेल्थ बुलेटिन में मौतों के आंकड़े और श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे शवों की संख्या में बड़ा अंतर है। सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में मौजूदा मरीजों के हिसाब से ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन जमीनी हककीत यह है कि कई अस्पतालों ने गंभीर मरीजों को भर्ती करने से इंकार करना शुरु कर दिया है।

इंदौर में ऑक्सीजन का इंतजाम करने में शासन-प्रशासन फेल दिखाई दे रहा है। ऐसे में इंदौर के एसोसिएशन अाफ इंडस्ट्रीज मप्र ने राजस्थान के निम्बाहेड़ा और चित्तौड़गढ़ के दो प्लांटों से इंदौर के लिए आक्सीजन की आपूर्ति का करार करना पड़ा। इन प्लांटों से 600 सिलेंडर की पहली खेप मिलने की उम्मीद है।

छत्तीसगढ़- ऑक्सीजन की कमी से 4 कोरोना मरीजों की मौत

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक में 4 कोरोना मरीजों की मौत कथित रूप से ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण हुई है। उनमें से 3 की मौत COVID केयर सेंटर में हुई, जबकि चौथे व्यक्ति की मौत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई। उन्हें कचरा वाहन में दाह संस्कार के लिए ले जाया गया। इस पर सीएमएचओ ने कहा है कि  हमने जिले के प्रत्येक COVID देखभाल केंद्र में 10-15 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की है। कल रात तीन लोगों की मृत्यु हो गई है, उन्हें इलाज के दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया था। चौथे व्यक्ति को लेकर कोई जानकारी नहीं है। जहां तक ​​वाहन का सवाल है, ऐसी व्यवस्था करने के लिए हम नगर पंचायत पर निर्भर हैं।

संकट में गुजरात-महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश की मुसीबतें बढ़ीं

मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी इसलिए हो रही हैं क्योंकि गुजरात की ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई में रुकावटें आ गई हैं। महाराष्ट्र से ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई है क्योंकि वह खुद एक बड़े संकेट में है। महाराष्ट्र में सप्लाई की जा रही पूरी की पूरी ऑक्सीजन सिर्फ कोरोना मरीजों को दी जा रही है। लेकिन इसकी डिमांड कहीं ज्यादा है। पुणे जैसे शहरों की डिमांड कहीं ज्यादा है। 

दिल्ली समेत कई दूसरे राज्यों का भी वही हाल

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के साथ ही दिल्ली समेत कई राज्यों का भी यही हाल है। अस्पतालों में बेड का संकट तो है ही। इसके साथ ही ऑक्सीजन कमी का भी संकट है। इस संकट के सामने सिस्टम दम तोड़ रहा है। दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई की डिमांड बढ़ गई है। राजस्थान में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है।यूपी में भी ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है।

झारखंड में ऑक्सीजन की डिमांड 20 गुना तक बढ़ चुकी है। रांची के अस्पतालों में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होने वाला है। बेड और ऑक्सीजन के ही संकट से अस्पतालों के बाहर मरीज दम तोड़ रहे हैं।

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