देर रात तक जागना पड़ सकता है भारी, विशेषज्ञों ने बताए गंभीर स्वास्थ्य दुष्प्रभाव

आधुनिक जीवनशैली में देर रात तक जागना आम बात होती जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह आदत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। अमेरिका के प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने चेतावनी दी है कि देर तक जागने और नींद की कमी से शरीर को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं।
डॉ. सेठी के अनुसार, नींद पूरी न होने से मानसिक कार्यक्षमता घटती है, मूड बिगड़ता है, तनाव बढ़ता है और वजन तेजी से बढ़ने लगता है। साथ ही, देर रात तक स्क्रीन देखने और अनियमित सोने के कारण हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है, जो लंबे समय में मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।
नींद की कमी के मुख्य दुष्प्रभाव:
- तनाव और चिड़चिड़ापन
- वजन बढ़ना और पाचन संबंधी समस्याएं
- एकाग्रता और याददाश्त में गिरावट
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
डॉ. सेठी सलाह देते हैं कि रोजाना कम से कम 7–8 घंटे की नींद जरूरी है। सोने और उठने का समय निश्चित होना चाहिए और सोने से पहले स्क्रीन टाइम को कम करना, कैफीन से बचना, और हल्का भोजन करना लाभदायक होता है।
यह खबर उन लोगों के लिए चेतावनी है जो देर रात तक जागने को एक सामान्य आदत मानते हैं। स्वस्थ जीवनशैली के लिए नींद को प्राथमिकता देना आज के समय की जरूरत है।
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