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वैक्सीन बनी वायरस के खिलाफ ढाल, 45 पार लोगों ने बिना अस्पताल गए घर पर रहकर कोरोना को दी मात

कोरोना से जंग में वैक्सीन(टीका) ढाल बन गया। इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) के 12 अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए तो इसे ढाल का ही काम किया है। किसी की उम्र 45 पार है तो कोई सेवानिवृत्ति के करीब है, लेकिन सब बराबरी से कोरोना से लड़े और घर बैठे-बैठे उसे मात दे डाली। कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगे होने की वजह से संक्रमण उन पर हावी नहीं हो पाया। किसी को भी अस्पताल ले जाने की स्थिति नहीं बनी। अब सभी की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।

बीस दिन पहले आइडीए के अधिकारी और कर्मचारी एक के बाद एक पाजिटिव आने लगे। ज्यादातर वे ही थे, जो एक दूसरे के संपर्क में रहे। पहली लहर के समय आइडीए ने शहर के क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था संभाली थी, लिहाजा कोरोना योद्धा के रूप में यहां के स्टाफ को भी प्राथमिकता से दोनों टीके लग चुके हैं। उसी का कमाल था कि कोरोना ने दूसरी लहर में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला किया, उनके लिए वह सिर्फ वायरल संक्रमण तक सीमित रहा। फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाया और सौभाग्य से किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं बनी।

सात दिन में रिपोर्ट निगेटिव

आइडीए के चीफ इंजीनियर एसएस राठौर की उम्र 59 साल है। वे कोरोना संक्रमित हुए और घर पर ही आइसोलेट हो गए। राठौर बताते हैं सिर्फ दो दिन बुखार आया और गले में खराश हुई। टीका लगा होने के कारण संक्रमण का असर कम रहा। परिवार के दूसरे लोग भी संक्रमित नहीं हुए। मेरी रिपोर्ट सात दिन में ही निगेटिव आ गई।सिर्फ एक दिन बुखारआइडीए के अधीक्षण यंत्री अनिल जोशी की उम्र भी 55 साल से ज्यादा है। उन्होंने भी घर पर रहकर कोरोना को मात दी। हल्का बुखार आने के बाद जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। घर पर रहकर दवाएं लीं। टीके के दोनों डोज लगे होने के कारण संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच ही नहीं पाया। भूअर्जन का काम देखने वाले अधिकारी राजकुमार हलदर भी कोरोना से संक्रमित हुए और वे भी घर पर रहकर ही ठीक हो गए।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है, लेकिन वह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। टीके के कारण शरीर में बनी एंटीबाडी संक्रमण का असर कम कर देती है।- डा. प्रवीण जडि़या, जिला टीकाकरण अधिकारी, इंदौर

आइडीए में 300 से ज्यादा लोगों का स्टाफ है। लगभग सभी को टीके लग चुके हैं। इस कारण स्टाफ कोरोना से सुरक्षित है। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को संक्रमण हुआ वे भी स्वस्थ हो चुके हैं। – विवेक श्रोत्रिय, सीईओ, आइडीए

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