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भारत–नेपाल में भयंकर बाढ़ और भूस्खलन से तबाही

70 से अधिक लोगों की मौत, सैकड़ों परिवार बेघर, राहत कार्य जारी

काठमांडू/दार्जिलिंग। भारत और नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश और भूस्खलन के कारण दोनों देशों के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अब तक दोनों देशों में 70 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग लापता बताए जा रहे हैं।

नेपाल के इलाम, झापा और संखुवासभा जिलों में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। वहीं भारत के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में नदियाँ उफान पर हैं और सड़कों के कट जाने से कई इलाके देश के बाकी हिस्सों से कट गए हैं।

नेपाल के पूर्वी जिलों में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन की कई घटनाएँ दर्ज हुई हैं।

  • इलाम ज़िले में 37 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
  • सैकड़ों घर मिट्टी में दब गए हैं और दर्जनों लोग लापता हैं।
  • नेपाल सेना, पुलिस और राहत एजेंसियाँ हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।

नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया कि देश के कई पर्वतीय मार्ग पूरी तरह बंद हो चुके हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारों और ढलानों के पास न जाने की अपील की है।

भारत के उत्तर-पूर्व में बाढ़ की तबाहीभारत के पश्चिम बंगाल में स्थित दार्जिलिंग और मिरिक इलाकों में भूस्खलन की वजह से 18 लोगों की मौत की खबर है। कई पुल और सड़कें बह गई हैं। जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी के बीच का राष्ट्रीय राजमार्ग भी बाढ़ के पानी में डूब गया।
राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात की हैं। मलबा हटाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा —

“यह प्राकृतिक आपदा हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार हर प्रभावित परिवार तक सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटे तक भारी वर्षा और भूस्खलन की आशंका जताई है। दार्जिलिंग, सिक्किम और उत्तरी बंगाल में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं नेपाल के मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने भी कहा है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।

दोनों देशों में स्कूल बंद हैं, बिजली आपूर्ति ठप है और मोबाइल नेटवर्क बाधित हैं। हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
भारत और नेपाल के बीच सीमा क्षेत्रों में सहयोग के तहत संयुक्त राहत टीमों ने कई गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला है।

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