प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में हुआ निधन
पंडित जसराज का अमेरिका में सोमवार को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। उनकी उम्र 90 वर्ष थी। पिछले काफी समय से वे अपने परिवार के साथ अमेरिका में थे।
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पंडित जसराज जी का अमेरिका में सोमवार को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। उनकी उम्र 90 वर्ष थी। पिछले काफी समय से वे अपने परिवार के साथ अमेरिका में थे। पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था। जसराज 4 वर्ष के थे तभी उनके पिता पंडित मोतीराम की मृत्यु हो गई थी। उनका पालन पोषण उनके बड़े भाई पंडित मणिराम के संरक्षण में हुआ।
पंडित जसराज जी ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया में शास्त्रीय संगीत की परंपरा को पहुंचाने का काम किया। पंडित जसराज जी का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उनके परिवार की चार पीढ़ियां शास्त्रीय संगीत परंपरा को लगातार आगे बढ़ा रही थी। ख्याल शैली की गायकी के लिए मशहूर पंडित जसराज मेवाती घराने से संबंध रखते थे। इनके पिता पंडित मोतीराम भी मेवाती घराने के संगीतज्ञ थे।
ऐसा माना जाता है कि 14 साल की उम्र में वे तबला सीखने थे। इसके बाद उन्होंने अपने कदम गायकी में रखें और बकायदा इसकी तालीम ली। फिर उनके संगीत यात्रा धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी और उन्होंने साढे तीन सप्तक तक शुद्ध उच्चारण और स्पष्टता रखने की मेवाती घराने की विशेषता को आगे बढ़ाया।
पंडित जसराज जी ने स्वयं एक इंटरव्यू में यह बताया था कि संगीत की शुरुआत में उन्होंने मात्र 14 साल की उम्र में तबला सीखना शुरू किया। धीरे-धीरे उनका गायकी की तरफ रुझान बढ़ने लगा। इसके पीछे वह 1 घटना भी बताते थे। उन्होंने बताया कि साल 2945 में 1945 में लाहौर में कुमार गंधर्व के साथ में तबले पर संगत कर रहे थे। कार्यक्रम के अगले दिन कुमार गंधर्व ने उन्हें डांटते हुए कहा कि जसराज तुम मरा हुआ चमड़ा पीटते हो तुम्हें रागदारी के बारे में कुछ नहीं पता। वह बताते थे कि इस घटना के बाद से वे तबले को छोड़कर गायकी और सुरों की दुनिया की तरफ मुड़ गए।
पंडित जसराज जी को श्री वल्लभाचार्य जी द्वारा रचित भगवान श्री कृष्ण की मधुर स्तुति मधुराष्टकम् को गाकर उन्होंने लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनकी आवाज में गाए इस मधुराष्टकम् को लोग इतना पसंद करते थे कि वे उनके मुरीद हो गए और उनके हर कार्यक्रम में उनसे लोग मधुराष्टकम् गाने की मांग करते नजर आए। उनका कोई कार्यक्रम इस स्तुति के बिना अधूरा ही रहता था।
उनकी पोती श्वेता पंडित जो के बॉलीवुड सिंगर भी हैं उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि दादाजी के पार्थिव शरीर को न्यूजर्सी से मुंबई वापस लाया जाएगा और 20 अगस्त को मुंबई पहुंचेगा। उनके अंतिम संस्कार की सारी विधियां मुंबई में ही पूरी की जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी पंडित जसराज जी की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट करके कहा:
The unfortunate demise of Pandit Jasraj Ji leaves a deep void in the Indian cultural sphere. Not only were his renditions outstanding, he also made a mark as an exceptional mentor to several other vocalists. Condolences to his family and admirers worldwide. Om Shanti. pic.twitter.com/6bIgIoTOYB
— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2020
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