अयोध्या में खुलेगा रामायण विश्वविद्यालय, कैबिनेट से मंजूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इनमें सबसे खास प्रस्ताव रहा अयोध्या में ‘महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय’ की स्थापना, जिसे मंत्रिपरिषद ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की।
यह विश्वविद्यालय न केवल रामायण और वैदिक साहित्य पर शोध का प्रमुख केंद्र बनेगा, बल्कि इसमें आधुनिक विषयों की पढ़ाई का भी प्रावधान रहेगा। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। इससे अयोध्या एवं आसपास के क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए नया विकल्प मिलेगा।

शोध और परंपरा का मेल
इस प्रस्ताव के अनुसार विश्वविद्यालय का उद्देश्य न केवल प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर गहन शोध को बढ़ावा देना है, बल्कि यह आधुनिक शैक्षणिक ढांचे के अनुरूप कोर्सेज भी संचालित करेगा। इससे पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा का समन्वय स्थापित किया जाएगा।
संस्थान ने जताया सरकार के प्रति आभार
‘महर्षि महेश योगी संस्थान’ के अध्यक्ष अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा,

“यह विश्वविद्यालय महर्षि महेश योगी जी की दीर्घकालिक संकल्पना रही है। अब सरकार के सहयोग से यह सपना साकार होने जा रहा है। रामायण विश्वविद्यालय अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित करेगा।”
शैक्षणिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मील का पत्थर
अयोध्या, जो अब राम मंदिर निर्माण के बाद धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन चुकी है, वहां यह विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में भी नया अध्याय जोड़ेगा। राज्य सरकार का यह फैसला धार्मिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक दृष्टि से दूरगामी प्रभाव डालने वाला माना जा रहा है।
अब अयोध्या सिर्फ आस्था की नगरी नहीं, ज्ञान और शिक्षा का केंद्र भी बनेगी।
अन्य खबरों के लिए हमसे फेसबुक पर जुड़ें। आप हमें ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं. हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।
किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए संपर्क AdeventMedia: 9336666601