राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां शुरु, अभी तय नहीं PM मोदी के आगमन की तारीख
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राजा राम की नगरी में बन रहे भव्य और दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। जनवरी 2024 में रामलला 500 वर्षों के बाद अपने स्थान पर विराजमान होंगे। मंदिर की छत और भूतल के काम को अब अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है। राम नगरी को सज्जित करने की तैयारियां शुरु कर दी गई हैं।
रामलला की स्थापना के लिए तैयारी तो 15 जनवरी 2021 को राम मंदिर के लिए नींव की खुदाई से शुरू हो गई थी, किंतु अगले वर्ष 15 से 24 जनवरी के मध्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा किए जाने की घोषणा के साथ ऐसी तैयारियों को पंख लग गए हैं। इस स्वर्णिम अवसर के लिए जहां संपूर्ण रामनगरी को सज्जित किया जा रहा है, वहीं राम मंदिर को अंतिम स्पर्श दिया जाने लगा है।
मंदिर का भूतल इसी वर्ष नवंबर तक निर्मित किया जाना है। निर्माणाधीन मंदिर 360 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा एवं 161 फीट ऊंचा है। मंदिर में सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुह्य मंडप एवं गर्भगृह के रूप में प्रमुख रूप से पांच प्रखंड हैं। समानांतर निर्मित हो रहे इन सभी प्रखंडों को अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है।
छत के साथ भूतल का ढांचा तो इसी माह के प्रारंभ में ही खड़ा हो चुका है और अब स्तंभों पर मूर्तियों की नक्काशी, परकोटा, मंदिर की सतह तक पहुंचने के लिए सोपान निर्माण की तैयारी चल रही है। यद्यपि तीन तल का मंदिर दिसंबर 2025 तक पूर्ण होगा, किंतु ऐसा निर्माण नियोजन किया जा रहा है, जिससे रामलला की स्थापना और उसके बाद उमड़ने वाले दर्शनार्थियों से निर्माण की प्रक्रिया में कोई बाधा न पहुंचे।
सात से नौ दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा के स्वरूप औैर उसे संपन्न कराने वाले मर्मज्ञ वैदिक आचार्यों के नाम से लेकर समारोह के मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की तारीख को भी लेकर मंथन शुरू हो गया है। समझा जाता है कि प्रधानमंत्री के आगमन की तारीख सुनिश्चित न होने के ही चलते रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निश्चित अवधि की घोषणा तो कर दी गई है, किंतु तारीख नहीं निश्चित हो पाई है।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार ट्रस्ट प्रधानमंत्री की व्यस्तता को समझते हुए तैयारियों को आगे बढ़ा रहा है। समझा जाता है कि 22 या 24 अक्टूबर की दो तारीखों में से किसी एक में प्रधानमंत्री के आने की संभावना के साथ उसी दिन रामलला को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
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