राजनीतिक पलायन तेज़: BSP-BJP-RLD छोड़ सैकड़ों नेताओं की सपा में वापसी

सपा कार्यालय में सैकड़ों नेताओं की जॉइनिंग, अखिलेश यादव ने दिया बड़ा राजनीतिक संदेश
📍 लखनऊ, 1 मई 2025
समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय में आज एक विशाल जॉइनिंग कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सैकड़ों नेताओं ने सपा का दामन थाम लिया। इस कार्यक्रम को समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ी सियासी कामयाबी माना जा रहा है।
🔴 कौन-कौन हुआ शामिल?
- बदरुद्दीन खान, कुंवर अजीज शाही, मुबस्सीर (पूर्व AIMIM प्रत्याशी), सलाउद्दीन खान, मोहसिन खान, और मोहम्मद गुफरान जैसे दर्जनों नामचीन नेताओं ने सपा की सदस्यता ग्रहण की।
- वसीम रज़ा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष – युवा राष्ट्रीय लोक दल (RLD), ने भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सपा जॉइन की।
- बहुजन समाज पार्टी (BSP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के भी सैकड़ों कार्यकर्ता और स्थानीय नेता आज सपा में शामिल हुए।
- पूर्व मंत्री मूलचंद चौहान (बिजनौर) ने भी “घर वापसी” करते हुए सपा की सदस्यता ली।
🗣️ अखिलेश यादव का बड़ा संदेश
समारोह को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कई तीखे राजनीतिक बयान दिए:
🗨️ “जब पीडीए हेल्पलाइन बन गई है, तो अब हमें पीडीए का डेटा सेंटर भी बनाना चाहिए।”
🗨️ “जब हमने सरकार के आंकड़ों को ग्राफ से पेश करना शुरू किया, तो उन्हें बुखार आने लगा।”
🗨️ “एक पानी की टंकी भ्रष्टाचार का भार सह नहीं पाई और फटकर गिर गई – यह सरकार की असलियत है।”
उन्होंने एक आईएएस अधिकारी के अंडरग्राउंड होने का दावा करते हुए यह भी कहा कि सरकार में भारी दबाव और भ्रष्टाचार है, जो बार-बार उजागर हो रहा है।
📊 जाति जनगणना पर समाजवादी स्टैंड
अखिलेश यादव ने जाति जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा:
🗨️ “हमने ज़िम्मेदारी से यह मुद्दा उठाया और आज सरकार जाति जनगणना कराने पर मजबूर हुई है – यह समाजवादियों की जीत है।”
उन्होंने पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) मोर्चे को इसका श्रेय देते हुए कहा कि बीजेपी ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया लेकिन अब उनके नेता भी दबाव में हैं।
⚠️ चुनाव और सरकार पर सीधी चेतावनी
🗨️ “बीजेपी को चेतावनी है – हमने इनकी चुनावी धांधली जनता के सामने बार-बार दिखाई है। अब सरकार को चाहिए कि जाति जनगणना को चुनावी घोटालों से दूर रखे।”
🗨️ “बिना सरकार हटाए ज़मीन नहीं बचेगी। किसान और मज़दूर को अपनी ज़मीन बचाने के लिए सरकार को हटाना होगा।”
🙏 महापुरुषों की तुलना पर चेतावनी
समारोह के दौरान, एक कार्यकर्ता द्वारा महापुरुषों से तुलना किए जाने पर अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से मंच से उसे समझाया और कहा कि “किसी भी महापुरुष के साथ हमारी तुलना नहीं की जानी चाहिए।”
🔚 निष्कर्ष:
लखनऊ में आज समाजवादी पार्टी ने अपने संगठनात्मक विस्तार की एक बड़ी झलक दिखाई। अन्य दलों से आए नेताओं की भारी जॉइनिंग के साथ-साथ अखिलेश यादव के तीखे और निशानेबाज़ी वाले बयान ने इस कार्यक्रम को पूरी तरह राजनीतिक रंग दे दिया। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे सपा की संगठनात्मक मजबूती और विपक्षी मोर्चेबंदी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
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