PM मोदी ने मेगा आदि महोत्सव में कहा- भारत अपने सांस्कृतिक प्रकाश से विश्व का मार्ग दर्शन कर रहा
आदिवासी संस्कृति शिल्प, व्यंजन, व्यापार और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड की एक वार्षिक पहल है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल के तहत आदि महोत्सव में शामिल हुए। इस दौरान जनजातीय समुदाय ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने सांस्कृतिक प्रकाश से विश्व का मार्ग दर्शन करता है. आदि महोत्सव विविधता में एकता… हमारे उस सामर्थ्य को नई ऊंचाई दे रहा है. यह विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है. आदिवासी हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को मैं इसके आयोजन के लिए बधाई देता हूं. बता दें कि आदिवासी संस्कृति शिल्प, व्यंजन, व्यापार और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड की एक वार्षिक पहल है.
पीएम मोदी ने कहा, “आप सभी को ‘आदि महोत्सव’ की हार्दिक शुभकामनाएं. ऐसा लग रहा है कि जैसे भारत की अनेकता और भव्यता आज एक साथ खड़ी हो गई हैं. यह भारत के उस अनंत आकाश की तरह है जिसमें उसकी विविधताएं इंद्रधनुष की तरह उभर कर सामने आ जाती हैं. आपके बीच आकर मुझमें अपनों से जुड़ने का भाव आता है. मैंने देश के कोने कोने में आदिवासी समाज और परिवार के साथ अनेक सप्ताह बिताए हैं. मैंने आपकी परंपराओं को करीब से देखा भी है, उनसे सीखा भी है और उनको जिया भी है. आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है.”
उन्होंने कहा, “आज वैश्विक मंचों से भारत आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है. आज भारत विश्व को बताता है कि अगर आपको जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान चाहिए, तो हमारे आदिवासियों की जीवन परंपरा देख लीजिए…आपको रास्ता मिल जाएगा. हम कैसे प्रकृति से संसाधन लेकर भी उसका संरक्षण कर सकते हैं, इसकी प्रेरणा हमें हमारे आदिवासी समाज से मिलती है. भारत के जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और ये विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं.
जनजातीय समुदायों के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “आज सरकार का जोर जनजातीय आर्ट्स को प्रमोट करने, जनजातीय युवाओं के स्किल को बढ़ाने पर भी है. देश में नए जनजातीय शोध संस्थान खोले जा रहे हैं. इन प्रयासों से जनजातीय युवाओं के लिए उनके अपने ही क्षेत्र में नए अवसर बन रहे हैं. ट्राइबल प्रोडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा बाजार तक आयें, इनकी पहचान बढ़े, इनकी डिमांड बढ़े, सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में तीन हजार से अधिक ‘वन धन विकास केंद्र’ स्थापित किए गए हैं. आज करीब 90 लघु वन उत्पादों पर सरकार एमएसपी दे रही है. 80 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्फ ग्रुप आज अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं जिसमें सवा करोड़ से ज्यादा सदस्य हमारे जनजातीय भाई-बहन हैं और इनमें भी बड़ी संख्या हमारी माताओं-बहनों की है.”
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