संसद के शीतकालीन सत्र में आज अहम विधेयकों पर चर्चा, विपक्ष ने उठाए कई सवाल

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज दोनों सदनों में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हुई। सरकार ने जहां इन विधेयकों को देशहित में आवश्यक बताया, वहीं विपक्ष ने उनकी मंशा, प्रक्रिया और संभावित प्रभावों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए।
लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि कुछ विधेयकों को बिना पर्याप्त विचार-विमर्श के जल्दबाज़ी में पारित कराने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्षी सांसदों ने कहा कि लोकतंत्र में कानून निर्माण की प्रक्रिया पारदर्शी और सर्वसम्मति आधारित होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कुछ प्रावधानों को आम जनता और राज्यों के हितों के विपरीत बताया।
वहीं, सरकार की ओर से संबंधित मंत्रियों ने सदन को आश्वस्त किया कि सभी विधेयक व्यापक अध्ययन और विशेषज्ञों की राय के बाद ही पेश किए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि इन कानूनों का उद्देश्य प्रशासनिक सुधार, आर्थिक विकास और जनकल्याण को मजबूत करना है।

राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिली। विपक्ष ने चर्चा के लिए अधिक समय देने की मांग की, जबकि सत्ता पक्ष ने कहा कि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जा रहा है।
हंगामे और नारेबाज़ी के बीच कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी। हालांकि, कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर चर्चा आगे बढ़ी।
संसदीय कार्य मंत्री ने उम्मीद जताई कि शीतकालीन सत्र के शेष दिनों में महत्वपूर्ण विधेयकों पर रचनात्मक चर्चा होगी और संसद सुचारू रूप से चलेगी।
राजनीतिक गलियारों में अब इस बात पर नजरें टिकी हैं कि आने वाले दिनों में इन विधेयकों पर सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बन पाती है या सत्र और अधिक हंगामेदार रहने वाला है।
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