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मौत के लिए एक ही कैंसर काफी, जबकि तम्‍बाकू देती है 40 तरह के कैंसर : डॉ सूर्यकान्‍त

-वायु प्रदूषण व तनाव पूर्ण जीवन शैली भी कैंसर की कारक 

-जीवन शैली में करें सुधारव्‍यस्‍त रहें, मस्‍त रहें

-विश्‍व कैंसर दिवस पर डॉ सूर्यकान्‍त ने किया आह्वान  

लखनऊ। बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले कैंसर की चपेट में आकर न केवल अपने जीवन से खिलवाड़ करते हैं बल्कि घर-परिवार की जमा पूंजी को भी इलाज पर फूंक देते हैं। इस पर काबू पाने के लिए ही सरकार और स्वास्थ्य महकमे के साथ विभिन्न संस्थाएं लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसके जरिये लोगों को नशे से दूर रहने के प्रति सचेत किया जाता है। इसके साथ ही स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की सीख दी जाती है।

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि बीड़ी-सिगरेट पीने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। यही नहीं धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक तो करीब 30 फीसद ही धुआं पहुंचता है बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुआं उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहते हैं। यह धुआं (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और भी खतरनाक होता है।

डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कैंसर से बचने के लिए नशे से दूर रहें और फास्ट फ़ूड के सेवन से बचें। बढ़ता वायु प्रदूषण भी कैंसर का एक बड़ा कारण बन रहा है, इसलिए अपने आस-पास के वातावरण को दूषित होने से बचाएं। कैंसर से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाना और तनाव मुक्त जीवन गुजारना बहुत जरूरी है। हरी साग-सब्जी और फल का नियमित रूप से सेवन करें। कुछ वक्त व्यायाम और प्राणायाम के लिए जरूर निकालें क्योंकि बीमारियों से सुरक्षित बनाने में इनका अहम योगदान है।

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