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स्ट्रेचिंग के कारण शरीर को होने वाले नुकसान से है बचाना, तो

यह तो हम सभी जानते हैं कि व्यायाम करना अच्छी सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है, लेकिन इसका लाभ भी तभी मिलता है, जब उसे सही तरह से किया जाए। मसलन, वर्कआउट से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग करना। इससे एक्सरसाइज़ के दौरान मसल्स क्रैम्प होने या फिर किसी तरह की इंजुरी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके अलावा इससे आपके फेफड़े और दिल पर भी स्ट्रेस कम होता है। इतना ही नहीं, अगर एक्सरसाइज़ से पहले स्ट्रेचिंग की जाए तो इससे आपकी परफॉर्मेंस भी बेहतर होती है और मसल्स को रिकवर होने में मदद मिलती है। स्ट्रेचिंग से आपके शरीर को इतने फायदे मिलते हैं, जिनकी गिनती भी नहीं की जा सकती। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि स्ट्रेचिंग के दौरान हम कुछ गड़बड़ी कर बैठते हैं, जिससे सेहत को लाभ की जगह नुकसान ही होता है। अगर आप गलत स्ट्रेचिंग के कारण शरीर को होने वाले नुकसान को खत्म करना चाहते हैं तो कुछ गलतियों से बचना चाहिए, इस बारे में बता रही हैं फिटनेस एक्सपर्ट नीति शर्मा।

बहुत से लोगों को स्ट्रेचिंग की पूरी जानकारी नहीं होती और इसलिए वह गलत तरह से स्ट्रेचिंग करते हैं, जिससे मसल्स पेन रहता है। इसलिए सही समय पर सही स्ट्रेच करना बेहद ज़रूरी है। उदाहरण के तौर पर, डायनेमिक स्ट्रेच कसरत से पहले और बाद में किए जाते हैं, वहीं पैसिव स्ट्रेच वर्कआउट के बाद किए जाते हैं, जो वर्कआउट के बाद बॉडी को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि अगर आपको स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ेज़ की बहुत जानकारी नहीं है तो किसी एक्सपर्ट की मदद से बॉडी को स्ट्रेच करवाने की कोशिश करें।

जब आप स्ट्रेचिंग कर रही हैं तो यह भी ज़रूरी है कि इसे पर्याप्त समय के लिए किया जाए ताकि आपकी बॉडी को इसका मैक्सिमम बेनिफिट मिले। अगर जल्दबाज़ी में स्ट्रेचिंग की जाए तो इससे शरीर में झटका लगने या फिर इंजुरी होने की संभावना बढ़ जाती है। याद रखें कि वर्कआउट के दौरान या उससे पहले आप स्ट्रेचिंग करने के बाद उसे कम से कम 30 सेकंड के लिए ज़रूर होल्ड करें। वहीं आप ओवर स्ट्रेचिंग से भी बचें, क्योंकि इससे आपकी मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है।

वॉर्म अप देखने में भले ही छोटी-सी चीज़ लगे, लेकिन यह बेहद ही ज़रूरी है। कोल्ड मसल्स में कभी भी स्ट्रेचिंग न करें, इसलिए बेहतर होगा कि आप लाइट ऐक्टिविटी या वॉर्म अप मूवमेंट करें। इससे आपकी मसल्स हलकी वॉर्म अप होना शुरू हो जाएगी, उसके बाद ही स्ट्रेचिंग करें। बॉडी को वॉर्म करने के लिए आप ब्रिस्क वॉक से लेकर हलकी जॉगिंग या फिर महज़ पांच मिनट के लिए साइक्लिंग जैसी ऐक्टिविटीज़ भी कर सकते हैं।

जैसे एक्सरसाइज़ शुरू होने से पहले शरीर को गर्म करना ज़रूरी है, ठीक वैसे ही एक्सरसाइज़ करने के बाद बॉडी को पोस्ट वॉर्म अप करना ज़रूरी है, वरना स्ट्रेचिंग के बाद पूरे दिन आपको मसल्स पेन की समस्या सताती रहेगी।

स्ट्रेचिंग करते समय आपको कुछ हद तक डिसकंफर्ट हो सकता है, लेकिन अगर आपको पहले से दर्द हो रहा है या फिर स्ट्रेचिंग के दौरान दर्द महसूस हो रहा है, तो कुछ सही नहीं है। दरअसल, अगर आपकी मसल्स पहले से ही इंजर्ड हैं और आप तब भी स्ट्रेचिंग कर रहे हैं तो इससे आपकी समस्या और भी अधिक बढ़ सकती है।

अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें मेल और मेसेज देखने पड़ते हैं तो आपको बता दें कि कुछ देर के लिए अपने फोन को दूर कर दें क्योंकि अगर आप स्ट्रेचिंग करते समय बीच-बीच में फोन कॉल्स या मेसेज का रिप्लाई करने लग जाएंगे तो आपकी स्ट्रेचिंग का सेट तो खराब होगा, समय बर्बाद होगा और आपकी बॉडी का तापमान फिर से उस लेवल पर आ जाएगा, जब आपने स्ट्रेचिंग करना शुरू किया था। इसलिए फोन को सिर्फ फिटनेस ऐक्टिविटी या फिटनेस ऐप्स की टाइमिंग को देखने के लिए रखें।

स्ट्रेचिंग करते समय बॉडी का तापमान काफी गर्म हो जाता है। ऐसे में प्यास लगने पर अगर आप ढेर सारा पानी पी जाएंगे तो इससे आपकी बॉडी का तापमान ठंडा हो जाएगा, जिससे दोबारा आपको स्टे्रचिंग करने में दिक्कतें होंगी। जब भी प्यास लगे तो पानी को सिप-सिप करके पानी पीएं, इसे लिए अपने साथ सिपर ले जाना न भूलें।

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