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बच्चों में चिड़चिड़ापन, पैदा कर सकती है मुश्किल, इन आसान तरीकों से उसे करें दूर

हंसते और खेलते हुए बच्चे सभी को अच्छे लगते हैं। लेकिन बड़ों की तरह ही बच्चों के मूड में भी बदलाव होता है। खासतौर से उम्र के अलग-अलग दौर में बच्चों का स्वभाव बदलता रहता है। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में देखने को मिल रहा है कि ज्यादातर बच्चों के स्वभाव में चिड़चिड़ापन और गुस्सा आने लगा है। यह आदत उनके व्यक्तित्व का हिस्सा भी बन सकती है। बच्चों का यह व्यवहार अनदेखा करना उनके ही भविष्य के लिए घातक साबित हो सकता है। बच्चों का चिड़चिड़ापन आप घर पर ही दूर कर सकते हैं। इसके लिए आप कुछ ऐसा करें जो उसे अच्छा लगता हो। इसके अलावा आप उसके चिड़चिड़ेपन के कारणों को दूर करके भी आप उसके मूड को बदल सकते हैं। इसके लिए आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं—पर्याप्तनींदलेनेदें
शिशुओं और बच्चों को पर्याप्त नींद लेने दें, इससे बच्चा नींद की कमी के चलते चिड़चिड़ा नहीं होगा। कई बार नींद के पैटर्न में बदलाव से भी बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में उसके सोने की आदतों में बदलाव न करें।

गुस्सेकीवजहजाननेकीकोशिशकरें
बच्चों के पास अक्सर ही गुस्सा करने का कारण होता है। वह कारण माता-पिता के लिए छोटा या बड़ा, तार्किक या बेकार कैसा भी हो सकता है। सबसे पहले और अहम् बात की जब आपका बच्चा गुस्सा करे तो उसके गुस्से की वजह जानने की कोशिश करे और उसके अनुसार बच्चे पर नियंत्रण करने की कोशिश करें।

गतिविधि पर डालें नजर


बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखना जरूरी है। नियमित रूप से उसकी स्कूल टीचर से मिलते रहें। इससे बच्चे के व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी। टीचर को वजह बताते हुए बच्चे को आगे वाली सीट पर बिठाने का अनुरोध भी कर सकते हैं। यदि बच्चे को ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखने के काम या किताबों को दूसरे बच्चों में वितरित करने में व्यस्त रखा जाए तो उनकी हाइपरएक्टिविटी पर काबू पाया जा सकता है।

बच्चों को गुस्से पर काबू पाना सिखाएं


गुस्सा करने का कोई भी कारण हो उस गुस्से पर काबू करना बच्चों को आना चाहिए। उन्हें गुस्से पर काबू करने के तरीके सीखाएँ। जैसे गुस्सा आने पर चुप हो जाना, 1-10 तक गिनती गाना, अपने गुस्से का कारण किसी बड़े को बताना। स्वयं भी यह ध्यान रखें की जब भी बच्चों को गुस्सा आये तो खुद गुस्सा करने के बजाय शांत रहने की कोशिश करें। ये याद रखें कि दिन भर की थकान के बाद जब आप थके होते है तो छोटी-छोटी बात पर भी बच्चों पर भड़क जाते हैं। बच्चे जो देखते हैं, वही सीखते हैं। इसीलिए बच्चों को समय दे।
घर में तनाव का माहौल कम करें


यदि आपके घर के लोगों के बीच या किसी बात को लेकर घर में तनाव का माहौल है तो इसका भी असर आपके बच्चे के मन पर पड़ता है, ऐसे में आपको अपने बच्चे को तनाव से दूर रखने के लिए घर का माहौल खुशनुमा बनाना चाहिए।

स्क्रीन टाइम कम करें


उनका सोशल मीडिया पर स्क्रीन टाइम कम करें, क्योंकि सोशल मीडिया पर सूचना का ज्यादा एक्सपोजर उनके लिए हानिकारक हो सकता है। साथ ही, उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहित करें, उनकी रुचियों और शौक का पता लगाएं और उनके साथ खेलना शुरू करें।

पसंदीदा खाने को दें


कभी-कभी बच्चे को भूख के कारण भी गुस्सा आता है या गुस्से में उनकी पसंदीदा खाने की चीज़ पाने से उनका गुस्सा शांत हो जाता है तो ऐसे स्थिति में उन्हें उनकी मनपसंद चीज खाने को दे। आप बच्चे के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना जैसे – पीनट बटर क्रैकर्स, बॉयल्ड एग आदि दे सकते है जिससे उन्हें एनर्जी भी मिले।

एक्टिविटीज कराएं


बच्चों को ज्यादा से ज्यादा खेलकूद और बाहरी एक्टिविटीज में व्यस्त रखना जरूरी होता है। बच्चे को डांस या आर्ट क्लास में भेज सकते हैं। समय-समय पर उन्हें आउटडोर गेम्स खेलने के लिए बाहर ले जाना भी अच्छा है। इससे बच्चे की अतिरिक्त शारीरिक ऊर्जा व्यय होगी और आत्म अभिव्यक्ति व सामाजिक व्यवहार की समझ भी विकसित होगी।

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