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महंगाई ने दिखाए तेवर तो कारखानों में छाई सुस्ती, फरवरी में खुदरा महंगाई की वृद्धि दर 5.03 फीसद पर पहुंची

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो आर्थिक आंकड़े जारी किए और दोनों कुछ बेहतर संकेत नहीं देते। पहला आंकड़ा, इस वर्ष फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.03 फीसद हो गई है। जनवरी में खुदरा महंगाई की दर 4.06 फीसद थी। दूसरा आंकड़ा, जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर नकारात्मक 1.6 फीसद रही है। यानी जनवरी, 2020 के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन घटा है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों यानी अप्रैल, 2020-जनवरी, 2021 के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 12.2 फीसद की भारी गिरावट हुई है।

औद्योगिक उत्पादन में जनवरी की गिरावट इसलिए ¨चताजनक है कि दिसंबर, 2020 में इसमें एक फीसद की वृद्धि हुई थी और माना गया था कि अब इसमें और सुधार होगा। वहीं, महंगाई की यह वृद्धि पेट्रोलियम उत्पादों की बेलगाम कीमतों से उसके बहुआयामी असर की वजह से सामने आई है। हालांकि, महंगाई दर अभी भी आरबीआइ की तरफ से निर्धारित सीमा के भीतर ही है। संकेत यह भी हैं कि इस महीने भी महंगाई की दर पिछले महीनों के मुकाबले ज्यादा ही रहेगी।

औद्योगिक उत्पादन के आंकडों को गहराई से देखने पर कल-कारखानों की हालत का सही अंदाजा होता है। जनवरी में खाद्य उत्पादों के उत्पादन में 2.6 फीसद, शराब में 8.5, तंबाकू में 10.8, टैक्सटाइल में 5.6, कपड़ों में 20.2, चमड़ा व चमड़ा उत्पादों में 4.9, कागज में 12.5, फार्मास्युटिकल्स में 11.5, कंप्यूटर में एक, इलेक्ट्रिकल में 2.8 तथा मशीनरी व मशीनी उत्पाद में 7.6 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

सभी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में देखें, तो दो फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। यह बताता है कि इकोनॉमी में 15 फीसद और रोजगार में करीब 40 फीसद योगदान देने वाले बड़े उद्योगों की स्थिति बहुत बहुत अच्छी नहीं। इसके अलावा खनिज उत्पादन में 3.7 फीसद की गिरावट हुई है।

जहां तक महंगाई के फिर से पांच फीसद के स्तर को पार करने की बात है, तो इसके बारे में सारे जानकार पेट्रो उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को ही मुख्य तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बैंक ऑफ अमेरिका की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक खाने पीने की चीजों व पेट्रो उत्पादों की कीमतों में वृद्धि से महंगाई बढ़ी है।

हालांकि, यह आरबीआइ के निर्धारित लक्ष्य यानी दो से छह फीसद के बीच में ही रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर, 2016 से दिसंबर, 2020 के बीच भारत में महंगाई की औसत दर 3.9 फीसद रही है। आरबीआइ ने इस दौरान चार फीसद (से दो फीसद ऊपर-नीचे) का महंगाई दर लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। अगले पांच वर्षों के लिए भी यही लक्ष्य रहने की उम्मीद है, जिस बारे में आरबीआइ इसी महीने घोषणा करने वाला है।

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