भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त कर लिया है। ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, भारत की नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गई है। इस उपलब्धि के साथ भारत अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, भारत की इस तेज़ आर्थिक प्रगति के पीछे कई प्रमुख कारण हैं।
देश में घरेलू मांग में निरंतर वृद्धि, मजबूत सेवा क्षेत्र, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार, बुनियादी ढाँचे में बड़े निवेश और सरकारी सुधारात्मक नीतियाँ इस उपलब्धि के मुख्य आधार बने हैं। इसके अलावा, स्टार्टअप इकोसिस्टम और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़ता निवेश भी अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहा है।

हाल के वर्षों में भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 8 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रफ्तार आने वाले वर्षों में भी बनी रह सकती है।
अब वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में
- अमेरिका पहले स्थान पर,
- चीन दूसरे,
- जर्मनी तीसरे और
- भारत चौथे स्थान पर पहुँच चुका है,
जबकि जापान पाँचवें स्थान पर खिसक गया है।
सरकारी और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि यदि मौजूदा विकास दर बनी रही, तो अगले 2–3 वर्षों में भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है। यह उपलब्धि भारत को वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मंच पर और अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने का अवसर देगी।
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