महाकुम्भ-2025 में समुद्र मंथन के 14 रत्नों पर आधारित 30 अस्थायी गेटों का निर्माण किया जायेगा
अगले साल प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ-2025 को अलौकिक एवं भव्य रूप देने के लिए राज्य सरकार के सभी विभागों को आवंटित कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में पर्यटन विभाग ने समुद्र मंथन के 14 रत्नों पर आधारित 30 अस्थायी थिमैटिक गेट निर्माण कराने का निर्णय लिया है। इस दिशा में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। पर्यटन विभाग का प्रयास है कि विश्व के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु महाकुम्भ से एक नया अनुभव लेकर जायंे।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ के शुरू होने में चंद माह शेष हैं। सरकार इसे भव्य और दिव्य रूप से संपन्न कराने के लिए प्रयत्नशील है। पर्यटकों के स्नान, ध्यान और भ्रमण आदि की उत्तम व्यवस्था की जा रही है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की ओर से मेला क्षेत्र में 30 अस्थायी थीमैटिक गेट्स स्थापित किए जाएंगे। समुद्र मंथन के 14 रत्नों और कुंभ आदि थीम पर गेट का अस्थायी निर्माण किया जाएगा। ताकि, श्रद्धालु समुद्र मंथन और कुंभ के महत्व से परिचित हों तथा आध्यात्मिक रूप से आकर्षित हों।
जयवीर सिंह ने बताया कि कुंभ में केंद्रित लैंप पोस्ट, फ्लैग पोस्ट और सेल्फी प्वाइंट भी बनाए जाएंगे, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी एक अद्वितीय आयोजन है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष महाकुंभ में लगभग 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले पर्यटक महाकुंभ स्नान के साथ-साथ वाटर स्पोर्ट और हेलीकॉप्टर से घूमने का आनंद प्राप्त करें, इसके साथ महाकुंभ प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार का भी मंच बनेगा।
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