हरियाणा के कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति के आदेश पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के वकील सज्जन सिंह मलिक ने बताया की इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
पदोन्नति के लिए बनाई गई थी पांच सदस्यों की कमेटी
याचिका दाखिल करते हुए डॉ. सतबीर सिंह व 21 अन्य ने बताया कि हरियाणा सरकार ने यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के तौर पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता व नियम निर्धारित किए थे। इसके अनुसार पदोन्नति के लिए पांच सदस्यों वाली कमेटी निर्धारित की गई थी।
सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद भी नहीं हुई पदोन्नति
इस कमेटी में उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, निदेशक , संयुक्त सचिव, कॉलेज के प्रिंसिपल व विषय विशेषज्ञ को रखने का प्रावधान तय किया गया। इसके बाद 14 सितंबर को सरकार ने पदोन्नति की प्रक्रिया आरंभ की और याचिकाकर्ताओं समेत अन्य योग्य लोगों ने पदोन्नति के लिए आवेदन किया। याचिकाकर्ताओं के योग्य होने और सभी मानकों पर खरा उतरने के बावजूद उनको पदोन्नत नहीं किया गया।
पदोन्नति के नियमों को रखा ताक पर
याची ने बताया कि पदोन्नति की प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखा गया। जिन लोगों को पदोन्नत किया गया और जिनको नहीं किया गया दोनों ही मामलों में आदेश में कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। इसके साथ ही पांच सदस्यों वाली कमेटी में से पदोन्नति के आदेशों पर कॉलेज के प्रिंसिपल व विषय विशेषज्ञों के हस्ताक्षर ही नहीं थे।
कोर्ट ने हरियाणा सरकार से मांगा जवाब
ऐसे में याची ने पदोन्नति की प्रक्रिया को रद्द करने और याचिका लंबित रहते पदोन्नति के आदेश पर रोक लगाने की अपील की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही प्रोफेसरों की पदोन्नति के आदेश पर रोक लगा दी है।
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