Uttarakhand

हरिद्वार कुंभ 2021ः

बैरागी कैंप में अवस्थापना कार्य शुरू न होने और अतिक्रमण को लेकर नाराज बैरागी संत एक बार फिर मेला प्रशासन के विरोध में उतर आए। जब मेलाअधिकारी दीपक रावत को इसकी सूचना मिली तो वे अधिकारियों के साथ बैरागी अखाड़ों के संतों को मनाने के पहुंचे। इस दौरान बैरागी संतों ने मेला प्रशासन के अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। मेलाधिकारी दीपक रावत के ने ठोस आश्वासन के बाद ही संतों को गुस्सा ठंडा हुआ।

बैरागी कैंप में अवस्थापना कार्यों की प्रगति को लेकर बैरागी संत खुश नहीं हैं। रविवार को बैरागी संतों का सब्र जवाब दे गया। संतों ने मेला प्रशासन खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बैरागी संतों के विरोध की जानकारी मिलने पर मेलाधिकारी दीपक रावत बैरागी कैंप पहुंचे। बैरागी अखाड़ों के संतों ने मेलाधिकारी ने बताया कि अप्रैल से संतों का आगमन शुरु हो जाएगा।

आवंटित भूमि से न अब तक अतिक्रमण हटा है और न ही पेयजल, शौचालय और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं धरातल पर दिख रही हैं। इस दौरान अधिकारियों को संतों के जबरदस्त गुस्से का सामना करना पड़ा। मेलाधिकारी दीपक रावत ने अधिकारियों को कुंभ 2010 की सेटेलाइट फोटो के आधार पर बैरागी संतों के लिए अवस्थापना कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि मूलभूत सुविधाओं के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाएं। इसके साथ उन्होंने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए। मेलाधिकारी ने कहा संतों को आवंटित भूमि पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त होनी चाहिए।  मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि बैरागी कैंप की भूमि को भविष्य मे अवैध अतिक्रमण से संरक्षित रखने के लिए जिला अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा।

प्रत्येक 15 दिन में कमेटी के पदाधिकारी व सदस्य बैरागी कैंप का निरीक्षण करेंगे। जिससे भूमि पर कोई अतिक्रमण ना कर पाए।  इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामशरणदास, महंत रामजीदास, महंत हिटलर बाबा, महंत रामदास, महंत पवनदास आदि मौजूद रहे।

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