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मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में मराठी समाज की महिलाओं द्वारा हल्दी कुन्कू कार्यक्रम का आयोजन

मकर संक्रांति का पर्व भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्व रखता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ मनाया जाता है और पूरे देश में विभिन्न रूपों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लेकर विशेष रूप से मराठी समाज में कई पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। एक ऐसा ही प्रमुख कार्यक्रम हल्दी कुन्कू का आयोजन किया गया, जो इस दिन की सांस्कृतिक महत्ता को और भी खास बनाता है।

चौक बड़ी कालीजी मन्दिर में आयोजन

आज के दिन, मराठी समाज की महिलाओं ने एक साथ मिलकर मकर संक्रांति के अवसर पर हल्दी कुन्कू का आयोजन किया। यह कार्यक्रम चौक बड़ी कालीजी मन्दिर में रखा गया, जो इस इलाके का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस आयोजन में समाज की प्रमुख महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और परंपरा के अनुसार हल्दी, कुन्कू, तिल, शकर, और अन्य पूजा सामग्री के साथ एक दूसरे को आशीर्वाद दिया। महिलाओं ने इस दौरान एक-दूसरे को अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और परिवार में खुशी की कामना की।

खास पकवानों का बनना

इस दिन को खास बनाने के लिए घरों में विशेष पकवानों की तैयारी की जाती है। मराठी समाज में मकर संक्रांति के दिन पूलन पोली का भोजन बनाना एक विशेष परंपरा है। यह मीठा पकवान बनाने के साथ-साथ परिवारजनों के बीच उसे प्रेमपूर्वक बांटना भी इस दिन की खासियत है। घरों में महिलाएं इस पकवान को बड़े चाव से तैयार करती हैं और उसे परिवार के सभी सदस्यां के साथ मिलकर आनंद से खाती हैं। यह पकवान न केवल स्वाद में अद्भुत होता है, बल्कि इसके साथ यह परंपरा भी समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

महिलाओं की भागीदारी

इस विशेष कार्यक्रम में समाज की प्रमुख महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। शोभा पाटील, लक्ष्मी पाटील, सिमा पाटील, स्मिता धनवडे, सुनिता पवार और सारिका जानकर जैसी समाज की प्रतिष्ठित महिलाओं ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। इन महिलाओं ने न केवल कार्यक्रम को शानदार तरीके से आयोजित किया, बल्कि इसके माध्यम से समाज की महिला शक्ति और एकता को भी मजबूत किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस दिन को और भी खास बना दिया।

समाज में एकता और परंपरा का प्रतीक

हल्दी कुन्कू जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से मराठी समाज अपनी परंपराओं को जीवित रखने और समाज में एकता को बढ़ावा देने का कार्य करता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं के समाज में सम्मान और उनकी भूमिका को उजागर करने का एक अद्भुत अवसर भी प्रदान करता है।

इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब महिलाएं एकजुट होती हैं तो न केवल वे अपने समाज में सशक्त होती हैं, बल्कि वे सामाजिक और पारंपरिक महत्व को भी नए सिरे से परिभाषित करती हैं।

इस दिन की खुशियों और विशेषता को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि मकर संक्रांति का पर्व मराठी समाज में एकता, भाईचारे और परंपराओं के महत्व को उजागर करता है

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