मनरेगा योजना से गांवों में करायें जाय, चारागाह विकास के कार्य

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल नेतृत्व में ग्राम्य विकास विभाग निरंतर ग्रामीण विकास एवं ग्रामीणों की आजीविका संवर्धन हेतु कार्य कर रहा है। मनरेगा योजनांतर्गत सामुदायिक एवं व्यक्तिगत कार्यों के माध्यम से ग्रामीण विकास एवं ग्रामीणों की आय में वृद्धि करने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर पशुधन उत्पादकता बढ़ाने के लिए पर्याप्त मात्रा में चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए मनरेगा से चारागाह विकास कार्य करने के निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को दिये गये हैं।
ग्राम्य विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में चारागाह का विकास कार्य कराने के निर्देश निर्गत किये गये हैं। शासन स्तर से समस्त जनपदों को निर्देशित किया गया है कि पशुधन हेतु चारे की पर्याप्त उपलब्धता हेतु अधिक से अधिक चारागाह का विकास कराने के निर्देश दिये गये हैं। जिलों को जारी पत्र द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि चारे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किसी योग्य भूमि, चारागाह की भूमि/सामुदायिक भूमि व विक्रति एवं बंजर भूमि पर चारागाह का विकास कर पशुधन हेतु चारा उपलब्ध कराया जा सकता है।
बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चारागाह विकास कार्य मनरेगा में अनुमन्य है, जिसके अनुसार ग्राम पंचायतों में चारागाह का विकास कार्य किया जा सकता है। प्रदेश में पशुधन उत्पादकता बढ़ाने पर विभाग का विशेष जोर है, पशुधन के लिए चारे की पर्याप्त उपलब्धता भी बेहद आवश्यक है। ग्राम पंचायतों में चारे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए गांव की किसी योग्य भूमि, चारागाह की भूमि/सामुदायिक भूमि, विक्रति एवं बंजर भूमि पर चारागाह का विकास कर पशुधन हेतु चारा उपलब्ध कराया जा सकता है। इस संबंध में विभाग की ओर से पहले भी जनपदों को दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
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