14 साल के रेप आरोपी को मिली थी ‘हाई वोल्ट करंट’ वाली सजा, किस्सा पढ़कर कांप जाएगी रूह
हमारे देश में भले ही नाबालिक बच्चों को मौत की सजा न दी जाते हो लेकिन दुनिया के अन्य सभी देशों में ऐसा नहीं है। आपको जानर हैरानी होगी कि अमेरिका में केवल 14 साल की उम्र में ही एक बच्चे को मौत की सजा दे दी गई थी।
घटना साल 1944 की है, जब अमेरिका में एक अश्वेत लड़के को संदेह की बिना पर मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि साल 2014 में केस दोबारा खोला गया और तब बच्चे को बेगुनाह माना गया।
क्या थी घटना ?-
घटना 1944 की है। इस दौर में अमेरिका में रंगभेद चरम पर था। जॉर्ज स्टिनी अपनी बहन के साथ घर के सामने खेल रहा था, उसी वक्त दो श्वेत बच्चियां (उम्र 11 और 8 साल) फूल ढूंढती हुई वहां पहुंची और जॉर्ज से भी इस बारे में बात की।
मदद के लिए 14 साल का जॉर्ज उनके साथ गया जिसके बाद लड़कियां गायब हो गईं। खोजबीन पर लड़कियों की लाश रेलवे ट्रैक के पास पड़ी मिली। दोनों का सिर बुरी तरह से कुचला हुआ था।
जांच में सामने आया कि वे लड़कियां आखिरी बार जॉर्ज के साथ देखी गई थीं। शक के आधार पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उससे पूछताछ शुरू की। इसके बाद मीडिया में आया कि बच्चे ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है कि उसी ने दोनों लड़कियों को मारा है।
पुलिस ने प्रेस में बताया कि लड़का 11 साल की लड़की के साथ संबंध रखना चाहता था लेकिन लड़की इसके लिए तैयार नहीं हुई। इसी गुस्से में उसने दोनों ही लड़कियों का बेरहमी से कत्ल कर दिया।
पुलिस के बयानों के आधार पर ही जॉर्ज को कोलंबियन जेल में कई महीने रखा गया। इस दौरान उसकी न परिवार और न ही मीडिया से मुलाकात कराई गई। बाद में सामने आया कि जॉर्ज के बयान की कॉपी पर उसके साइन तक नहीं थे।
सुनवाई शुरू हुई तो पीड़ित परिवार के वकील से लेकर जॉर्ज तक का वकील और यहां तक कि जज भी श्वेत था। यहां तक कि कोर्ट रूम में भी किसी अश्वेत को भीतर जाने की इजाजत नहीं दी गई।
कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा-
भीतर ही भीतर मामले की सुनवाई हुई और फैसला हो गया। अदालत ने जॉर्ज को वयस्कों की तरह ट्रीट किया और बिना किसी गवाह, जांच और दलील के उसे दोषी मानते हुए मौत की सजा सुना दी गई।
40 के दशक में अमेरिका में मौत की सजा के कई तरीके थे, जिनमें से एक था बिजली के झटके देना। जॉर्ज को इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाया गया। फिर बिजली का झटका लगाया गया। करंट इतना हाई वोल्ट था कि कुछ ही झटकों में बच्चे की मौत हो गई।
साल 2014 में कुछ वकीलों ने बच्चे को फांसी की सजा के इस केस को दोबारा खुलवाया। कहीं कोई गवाह नहीं था, कहीं भी जॉर्ज के दस्तखत नहीं थे। तमाम कागजों के आधार पर माना गया कि के साथ नाइंसाफी हुई क्योंकि वो अश्वेत था।
आज भी जॉर्ज स्टिनी अमेरिकी कोर्ट के इतिहास में मौत की सजा पाने वाला सबसे कम उम्र शख्स माना जाता है। स्टिनी के अलावा एक और अमेरिकन अश्वेत को 14 साल की उम्र में मौत की सजा मिली।
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